ट्रंप और पुतिन के पहले शिखर सम्मेलन में, ट्रम्प ने कहा अच्छी शुरुआत है

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सोमवार को फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में मुलाकात हुई । डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच पहला शिखर सम्मेलन शुरू हो गया है | पुतिन से मुलाकात शुरू होने से पहले ट्रंप ने ‘असाधारण’ संबंधों के बारे में उम्मीद जताई है, अमेरिकी और चीन के बीच विवादों से खड़े हुए ट्रेड वॉर के बीच यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है और वैश्विक मामलों के जानकारों का दावा है कि इस मुलाकात के परिणाम का असर दुनिया के कई क्षेत्रों पर पड़ने का आसार है |

 

पुतिन के साथ मुलाकात को लेकर पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा यह बहुत अच्छी शुरुआत हो रही है | दोनों राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात की पूरी गोपनियता रखी गई, इस मुलाकात के दौरान कमरे में इन दोनों के अलावा सिर्फ उनके सरकार के ट्रांसलेटर ही मौजूद था | वहीं रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस ने कभी भी अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप नहीं किया |

 

रूसी मीडिया ने पुतिन के साथ बैठक से पहले ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा है कि इस कवायद से दोनों देश एक दूसरे के नजदीक आएंगे और एक साथ काम कर सकेंगे | ट्रंप ने कहा कि हमारे पास अब बात करने के लिए बहुत सी अच्छी चीजें हैं। हमारे बीच व्यापार, सेना, मिसाइल, परमाणु हथियार, चीन जैसे कई मुद्दों पर बात हो चुकी है। अमेरिका की गलतियों की वजह से दोनों देशों के बीच लंबे समय तक कड़वाहट रही। मुझे लगता है कि इस बातचीत के जरिये अब दोनों देशों के बीच असाधारण रिश्ते बनेंगे।

 

पुतिन ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के दखल की खबरों पर कहा, ‘ट्रंप ने इसमें रूस का हाथ होने की बात कही थी, लेकिन पुतिन ने स्पष्ट तौर पर बता दिया था कि इसमें रूस का कोई हाथ नहीं है।’ पुतिन ने कहा कि रूस ने कभी अमेरिका के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दिया और न ही भविष्य में ऐसी कोई मंशा है।

 

संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ट्रंप ने रूस को क्लीनचिट देते हुए कहा कि इस मामले में क्र्रेमलिन पर संदेह की गुजाइश नहीं है। सीआईए प्रमुख ने रूस को दोषी बताया था, लेकिन वह आश्वस्त नहीं थे। आज पुतिन ने इस बात को पूरे दम के साथ खारिज कर दिया। उन पर शक की कोई वजह नहीं है।

 

पुतिन ने ट्रंप को फीफा विश्व कप की फुटबाल भेंट करते हुए कहा, ‘गेंद अब आपके पाले में है।’ इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने फुटबाल अपनी पत्नी मेलेनिया ट्रंप की ओर उछाल दी। 2026 में होने वाले 23वें फीफा विश्व कप की मेजबानी अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको संयुक्त रूप से करेंगे। वहीं, ट्रंप ने पुतिन को विश्व कप के शानदार आयोजन के लिए बधाई दी।

 

पुतिन ने कहा कि अभी सारी बाधाएं दूर नहीं हुई हैं। कुछ चुनौतियां बाकी हैं। हालांकि, हमने अच्छी बातचीत कर पहला जरूरी कदम उठा लिया है। परमाणु शक्ति संपन्न बड़े राष्ट्र होने के नाते रूस और अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने की जिम्मेदारी है।

मुलाकात से पहले ट्रंप ने एक कार्यक्रम में कहा था, ‘मैं समझता हूं कि हमारे कई दुश्मन हैं। यूरोपीय संघ व्यापार में हमारे लिए क्या करता है? रूस कुछ मायनों में दुश्मन है। चीन आर्थिक रूप से दुश्मन है। इसका मतलब यह नहीं है कि वे बुरे हैं। इसका मतलब है कि वे प्रतिस्पर्धी हैं।’

रूस और अमेरिका के बीच एक झटके में सुधरे रिश्तों का भारत ने स्वागत किया है, क्योंकि दोनों महाशक्तियों के बीच टकराव की स्थिति ने भारत की चिंता बढ़ा दी थी, भारत के सामने अपने दोनों अहम सहयोगियों को साथ लेकर चलना चुनौतीपूर्ण बन गया था |

 

अमेरिका से टकराव पैदा होने के चलते रूस के चीन और पाकिस्तान के करीब जाने से भी भारत चिंतित था. ऐसी स्थिति में भारत के आतंकवाद के खिलाफ अभियान को नुकसान पहुंच सकता था | साथ ही अमेरिकी प्रतिबंध के चलते रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने में भी भारत को दिक्कत होने के आसार थे | इससे भारत की सैन्य शक्ति को मजबूत करने की कोशिश को झटका लग सकता था |

 

ऐसे हालात में अगर भारत रूस से रिश्ता रखता, तो अमेरिका नाराज हो जाता और यदि अमेरिका से करीबी बढ़ाता, तो रूस नाराज हो जाता मौजूदा हालत को देखते हुए भारत के लिए अपने किसी भी सहयोगी को छोड़ना संभव नहीं है, दोनों में से किसी भी सहयोगी की नाराजगी से भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) की सदस्यता पाने की कोशिश को भी झटका लग सकता था |

 

अमेरिकी दबाव में आकर भारत को रूस की कंपनियों के साथ कारोबार पर भी प्रतिबंध लगाना पड़ सकता था | इससे भारत में रूसी कंपनियों के सहयोग से चल रहे प्रोजेक्ट प्रभावित होते, सोमवार को ट्रंप और पुतिन के बीच जिस तरह से सकारात्मक वार्ता हुई, वो भारत के लिए बेहद अहम हैं |

 

चीन के साथ ट्रेड वॉर, उत्तर कोरिया के साथ शांति वार्ता और ईरान के साथ परमाणु समझौता टूटने के बाद डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की यह पहली मुलाकात अमेरिका की बदलती विदेश नीति की ओर भी इशारा कर रही है, इस बैठक के बाद ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखल के आरोपों से पुतिन को क्लीन चिट भी दे दी है |