त्योहारों का मौसम आ चुका है, सोना खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
सोना सबसे ज्यादा मांग में रहने वाला धातु है और अक्सर इसका उपयोग लंबी अवधि में धन बनाने के लिए किया जाता है। भारत में इसे निवेश, धार्मिक कार्यों, पारिवारिक विरासत और स्टेटस सिंबल के तौर पर देखा जाता है। वर्तमान में सोना तीन रूपों में मौजूद है – फिजिकल गोल्ड, डिजिटल गोल्ड और गोल्ड बॉन्ड। भारत में अब भी ज्यादातर लोग फिजिकल रूप में सोने को खरीदना पसंद करते हैं।

यह हम सभी जानते हैं कि सोने और सोने के आभूषण भारतीय परंपरा के अभिन्न अंग हैं। सोने को सौभाग्य, समृद्धि और मंगल कार्यों का प्रतीक माना जाता है। भारतीय त्योहारों में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है, खासकर दिवाली में लोग सोने में धन की देवी लक्ष्मी को अवतार के रूप में देखते हैं। ऐसे मौके पर वो सिक्के, मूर्तियां, बर्तन, छड़ और आभूषण के रूप में सोने की खरीदारी करते हैं। दीपावली के पहले दिन धनतेरस मनाया जाता है और इस दिन नई चीजें विशेष रूप से सोने के आभूषण खरीदने के लिए सबसे शुभ दिन होता है।

👉 सोने की शुद्धता और सुंदरता की करें पहचान
सोना खरीदते समय आपको सोने की शुद्धता और सुंदरता का ध्यान रखने की जरूरत है। आपको यह जानना चाहिए है कि आप जो आभूषण खरीद रहे हैं उसकी सही शुद्धता की पहचान कैसे करें ताकि आपको अपने पैसे का सही मूल्य मिल सके। इसलिए मौका कोई सा भी हो दिवाली या फिर शादी, सोने के आभूषण की खरीदारी करते समय जागरूक ग्राहक की तरह अपनी भूमिका निभाएं।

👉 आभूषण खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान
आपका सोना असली है या नकली इसका पता लगाने का सबसे आसान तरीका हॉलमार्क की जांच करना है। हॉलमार्क दरअसल शुद्धता का पैमाना है, जो यह बताता है कि आपके आभूषण में कितना प्रतिशत सोना और दूसरे मिश्रित धातु हैं। हॉलमार्क को लाने का उद्देश्य उपभोक्ता अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करना है ताकि उन्हें उनके खर्च का सही मूल्य मिल सके। इसलिए ग्राहकों को जानना जरूरी है कि आभूषण खरीदते समय हॉलमार्क में क्या चीजे देखना है।

1. सबसे पहले आता है BIS का मार्क। गोल्ड ज्वैलरी में BIS लोगो यह दर्शाता है कि इसकी शुद्धता की जांच लाइसेंस प्राप्त प्रयोगशालाओं में की गई है। यह सोने के स्टैंडर्डाइजेशन, मार्किंग और क्वालिटी सर्टिफिकेट के लिए जिम्मेदार है।

2. इसके बाद आपको यह देखना है कि आपका आभूषण कितने कैरेट का है। वर्तमान कानून के तहत ग्राहक केवल तीन श्रेणी वाले आभूषण खरीद सकते हैं। इसमें 14, 18 और 22 कैरेट का सोना शामिल है। आभूषण में इसकी सही पहचान कैसे करें? इसके लिए उसमें 14, 18 और 22 कैरेट की जगह क्रमश: 14k585, 18k750 और 22k916 लिखा होगा।

3. UID की भी जांच करें। नए कानून में संशोधन के बाद UID एक नया परिचय है जो आपको अधिक पारदर्शिता और ट्रैकिंग के लिए आभूषण निर्माता और हॉलमार्किंग केंद्र को ट्रैक करने में सक्षम बनाता है। यह जौहरी के साथ-साथ हॉलमार्किंग केंद्र की पहचान सुनिश्चित करेगा, जिसने

👉 हॉलमार्किंग अनिवार्य होने पर आभूषण की शुद्धता को प्रमाणित किया है।
नए कानून के अनुसार 14, 18 और 22 कैरेट का आभूषण अनिवार्य बना दिया गया है। जौहरी केवल इन्हीं कैरेट के हॉलमार्क वाले आभूषण को बेच सकता है। यह नियम केवल सोने वाले आभूषण पर ही लागू है। चांदी वाले आभूषण इसमें शामिल नहीं है। इसके अलावा 2 ग्राम से कम वाले आभूषण और मेडिकल या डेंटल के कामों के लिए बनाए गए सोने में हॉलमार्क की आवश्यकता नहीं है। यहां दुकानदार को यह ध्यान देना है कि वह बिल के साथ आभूषण के बारे में एक-एक चीज ग्राहक को बताए। जैसे उसमें कितने ग्राम सोना है , कितने ग्राम एलॉय है और हॉलमार्क के लिए चार्ज कितना है आदि।