थमी ट्रेनों की रफ्तार, एक माह तक रेलवे ट्रैक पर नही दौड़ेंगी ट्रेनें

Railway Unnao

कानपुर से राजधानी लखनऊ को जोड़ता है रेलवे गंगापुल
करीब 27 दिनों का मेगा ब्लॉक लेकर होगा पुल का मरम्मती करण कार्य
गंगाघाट रेलवे स्टेषन से करीब तीन हजार यात्रियों का होता है आवागमन।
विशाल मौर्य
शुक्लागंज, उन्नाव। महानगर कानपूर से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को जोड़ने वाले रेलवे पुल के टर्फ अब जर्जर हो चूके है। कोई हादसा न हो इसके लिए रेलवे ने पहले से ही पुख्ता इंतजाम कर चुका है। अंग्रेजो के जमाने का बना रेलवे गंगापुल पर अब तक ट्रेने अपनी रफ्तार में दौड़ती चली आ रही है। लेकिन पिछले कई वर्षो से ट्रेनों की रफ्तार में कमी कर दी गयी है। जिसके चलते आने जाने वाली ट्रेनों से  यात्रा करने पर अधिक समय भी लगता था। रेलवे गंगापुल जर्जर हो चुके टर्फ के हालात जानने को लेकर आलाधिकारी वर्ष 2015 में निरीक्षण भी कर चुके थे। अलाधिकारियों ने वर्ष 2016 के अप्रैल माह में टर्फ व पटरी बदलने का निर्णय लिया था।
रेलवे बोर्ड ने एक साथ दर्जनो  ट्रेनो को निरस्त व रुट के परिवर्तन ने अप्रैल माह मंजूरी नही दी थी। डीआरएम ए.के.लौहाटी ने जून के माह में दोबारा निरीक्षण करने के बाद नवम्बर माह में कार्य को कराने लिए मंजूरी दे दी है। इसके लिए रेलवे अपनी पूरी तैयारियां का चुका है।

 

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रेलवे गंगापुल के टर्फ बदलने के दौरान भारी मात्रा में जीआरपी व आरपीएफ पुलिस बल की तैनाती भी की जायेगी। जिससे की कार्य के समय रेलवे की संपत्ति में कोई नुकसान न हो सके। साथ ही साथ आने-जाने वाली ट्रेनों में किसी भी यात्री के साथ कोई घटना न हो इसके लिए भी रेलवे पुख्ता इंतजाम कर चुका है।

वर्षो से चल रहे टर्फ बदलने का प्लान शुक्रवार को भी कामयाब नही हो सका। मां गंगा के पावन तट पर बने अंग्रेजो के जमाने का रेलवे गंगापुल के डाउन लाइन के टर्फ जर्जर हो चुके है। किसी भी प्रकार का कोई हादसा न हो इसके लिए रेलवे पहले से ही पुख्ता इंतजाम कर चुका है। जिसको लेकर पूर्व में डी.आर.एम, ए.डी.आर.एम समेत रेलवे के कई जिम्मेदार अधिकारी निरीक्षण भी कर चुकेे थे। जिम्मेदार अधिकारियो ने टर्फ बदलने को लेकर पहले अप्रैल माह मे टर्फ बदलने का निर्णय लिया था। लेकिन रेलवे बोर्ड ने एक साथ इतनी ट्रेनो  के रुट में परिवर्तन व ट्रेनो को निरस्त करने के लिए नामंजूरी दे दी थी।
जिसके बाद से टर्फ बदलने का प्लान फिर से लेट हो गया था। एक बार जून माह में दोबारा निरीक्षण कर अधिकारियो ने नवम्बर माह में टर्फ को बदलने का निर्णय लिया और रेलवे बोर्ड ने भी ट्रेनों को निरस्त व रद्द करने की मंजूरी दे दी। जिसके बाद 11 नवम्बर से 7 दिसम्बर तक 24 घंटे कार्य कराने का निर्णय लिया गया था। लेकिन 11 नवम्बर का पूरा दिन बीत गया एक भी टर्फ नही बदला जा सका। ऐसे में देखना यह है कि आखिर रेलवे विभाग 27 दिनो में टर्फ बदलने का कार्य कैसे खत्म होगा.