दूषित हवाओ से आँखो में जलन व् सास लेने में बढ़ी घुटन

 

शिख गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही साथ हवाएं भी दूषित हो गई हैं। इस वजह से लोगों की आंखों में जलन और सांसों में घुटन महसूस होने लगी है। ऐसे मरीज अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों की इमरजेंसी से लेकर ओपीडी वॉर्ड तक लगातार इलाज को पहुंच रहे हैं। जो लोग पहले से दमा व हृदय रोगी हैं अथवा बुजुर्ग या बीमार हैं, उन्हें सांस लेने में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। हाल ही में जारी राष्ट्रीय सर्वे रिपोर्ट के अनुसार देश के सर्वाधिक 10 प्रदूषित शहरों में यूपी के आठ शहर शामिल हैं। इसमें कानपुर पहले व लखनऊ दूसरे नंबर पर है। इससे राजधानी में प्रदूषण की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार वायु प्रदूषण, कोहरा व सर्दी से गिरते तापमान की वजह से सांस रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। हवा में प्रदूषक तत्व मिलकर आंखों में जलन और एलर्जी पैदा कर रहे हैं। लोहिया संस्थान के नेत्र सर्जन डॉक्टर राहुल सिंह ने बताया कि इन दिनों आंखों में जलन, एलर्जी, पानी बहने, खुजली होने की शिकायत के साथ ज्यादा मरीज आ रहे हैं।

वायु प्रदूषण व अत्यधिक सर्दी है खतरनाक : इंडियन कालेज ऑफ एलर्जी अस्थमा एंड एप्लाइड इम्म्यूनोलॉजी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केजीएमयू में पल्मोनरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष प्रो डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि , वायु प्रदूषण व अत्यधिक सर्दी पहले से बीमार लोगों व बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरनाक है। प्रदूषक तत्व को जब कोहरे व धुंध का साथ मिल जाता है तो वह ज्यादा खतरनाक साबित होते हैं। पीएम 2.5 व पीएम 10 कोहरे व धुंध से मिलकर स्मॉग बना लेते हैं।

इस दौरान तापमान ज्यादा गिरने और ठंड हवाएं चलने से सांस व खून की नलियां तक सिकुड़ जाती हैं। बुजुर्गों की हड्डियों में सूजन आ जाती है। श्वांस नली में सिकुड़न से सांस फूलने लगती है। वहीं खून की नली सिकुड़ने से बीपी की समस्या बढ़ जाती है। खून की नलियां सिकुड़ने से हृदय को पर्याप्त रक्त व ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। साथ ही ब्रेन स्ट्रोक व पक्षाघात(फॉलिश) भी हो सकता है। पीएम 2.5 और 10 का स्तर बढ़ने से सांस नली में सूजन होने लगती है। इससे खांसी और बलगम की दिक्कत होने लगती है।

ऐसे करें बचाव: आंखों में होने वाली एलर्जी, लाली, पानी बहने, जलन इत्यादि की दिक्कतों से बचने के लिए चश्मा लगा कर बाहर निकलें। दिन में दो-तीन बार ठंडे से पानी से आंखों में छींटा मारकर धोते रहें। सर्दी से बचने के लिए पूरे शरीर को गर्म कपड़ों से ढंक कर रखें। कान व चेहरे पर भी सर्दी नहीं लगने दें। प्रदूषण से बचने के लिए बाहर निकलते समय मुंह में मास्क लगाए रखें। खाने-पीने में अधिक सर्द वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करें। धूल धुआं से बचकर रहें। पीने में गुनगुने पानी का सेवन करें। सांस में दिक्कत बढ़ने पर सुबह-शाम भाप लें।