नहीं थम रही शिवसेना-बीजेपी की जंग,उद्धव ठाकरे ने कहा- मेरी लड़ाई मोदी से नहीं, आम आदमी के सपनो के लिए है

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भाजपा और शिवसेना के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी खींचतान अभी थमने का नाम ही नहीं ले रही है| एक तरफ जहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने यानी शिवसेना के बिना लड़ने की तैयारी करने का निर्देश दिया है तो वहीं दूसरी ओर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी पर करारा वार किया है।

उद्धव ठाकरे ने सामना को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि शिव सेना किसी एक पार्टी की दोस्त नहीं है| उसकी दोस्ती जनता के साथ है और जनता के लिए वो काम करते रहेंगे| उन्होंने कहा कि जो बात मुझे नहीं पसंद होगी, उसके बारे में अपनी बेबाक राय जनता के सामने रखता रहूंगा| बातचीत में उद्धव ने इशारों-इशारों में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि शिकार तो मैं ही करूंगा, लेकिन इसके लिए मुझे ना तो किसी दूसरे के कंधे की ज़रूरत होगी और ना ही बंदूक की|

उद्धव ने बताया कि बालासाहब ठाकरे जिस हिंदुत्व की बात करते थे वो शिवाजी महाराज का हिंदुत्व था लेकिन पिछले 3 साल से देश में जो हिंदुत्व का उन्माद चढ़ा है, वो सही नहीं है| इसके अलावा उन्होंने हिंदुत्व और गाय के नाम पर मॉब लिंचिंग को भी गलत ठहराया| ठाकरे ने कहा कि, ‘गाय की रक्षा हो रही है, लेकिन महिलाओं के बारे में देश सबसे असुरक्षित बनता जा रहा है| उसकी शर्म होनी चाहिए| गोमाता की रक्षा तो करो लेकिन माता की रक्षा का क्या? उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि महिलाओं की रक्षा छोड़कर कौन क्या मांस खा रहा है, इसकी जांच करने में सरकार लगी हुई है| उन्होंने साफ कहा कि इसे हिंदुत्व नहीं कहा जा सकता, ये भ्रम फैला रहा है|

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उद्धव ने अविश्वास प्रस्ताव पर शिवसेना के बहिष्कार पर भी अपनी बात रखी| ना पक्ष और ना ही विपक्ष को समर्थन देने के सवाल पर उद्धव ने विपक्षी दलों को भी निशाने पर लिया है कि जब हम सरकार की ग़लत नीतियों का विरोध कर रहे थे तब कौन हमारे साथ आया था| इसी बात से नाराज चल रहे बीजेपी ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से दूरी बनाए रखने के शिवसेना के फैसले से अमित शाह नाराज बताए जा रहे हैं| अमित शाह ने अविश्वास प्रस्ताव से एक दिन पहले ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को फोन किया था| उसके बाद संभावना जताई जा रही थी कि शिवसेना सरकार को समर्थन देगी|

बता दें कि शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने दूरी बना ली थी, जबकि भाजपा ने सभी सहयोगी पार्टियों को व्हिप जारी कर अविश्ववास प्रस्ताव के दौरान संसद में मौजूद रहने को कहा था। शिवसेना के इस अप्रत्याशित कदम से भाजपा नाराज चल रही है और आगे चलकर यह दोनों पार्टियों में फूट का कारण भी बन सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह रविवार को मुंबई पहुंचे थे और उन्होंने पार्टी नेताओं से 2019 लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी करने को कहा है।