नितिन गडकरी: आरक्षण लेकर भी क्या करेंगे, जब नौकरिया ही नहीं हैं

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महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर मराठा आंदोलन अभी शांत होने का नाम नहीं ले रहा| और इसी बीच मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी के एक बयांन ने उस आंदोलन में जैसे आग में घी डालने का काम कर दिया है| केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि आरक्षण रोजगार की गारंटी नहीं है क्योंकि नौकरियां कम हो रही हैं| महाराष्ट्र के औरंगाबाद में नितिन गडकरी से जब आरक्षण के लिए मराठों के वर्तमान आंदोलन व अन्य समुदायों द्वारा इस तरह की मांग से जुड़े सवाल पूछे गए| तो उन्होंने जवाब दिया कि अगर आरक्षण दे भी दिया गया तो कोई फायदा नहीं है| क्योकि नौकरिया नहीं है| बैंक में आईटी कि वजह से नौकरियां काम हुई है वही सरकारी नौकरिया रुकी हुई है| नौकरिया कहाँ है |

नितिन गडकरी ने आर्थिक आधार पर आरक्षण की तरफ इशारा करते हुए कहा कि एक ‘सोच’ है जो चाहती है कि नीति निर्माता हर समुदाय के गरीबों पर विचार करें| उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर नहीं बल्कि गरीबी के आधार पर आरक्षण देने की जरूरत है क्योंकि गरीब की जाति, भाषा और क्षेत्र नहीं होती है| उसका कोई भी धर्म हो, मुस्लिम, हिंदू या मराठा (जाति), सभी समुदायों में एक धड़ा है जिसके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं है, खाने के लिए भोजन नहीं है|

वरिष्ठ बीजेपी नेता और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पत्रकारों से कहा कि निराशा और असुविधा के कारण आरक्षण की मांग हो रही है| इसलिए गांव के अंदर खेती में उपज बढ़ाना जरूरी है और प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना जरूरी है| उन्होंने उम्मीद जताई कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हल निकाल लेंगे|

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदायों का पिछले कुछ दिनों से आंदोलन जारी है| औरंगाबाद, पुणे, नासिक और नवी मुंबई में आंदोलन हिंसक भी हुआ| जहां दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया| आरक्षण की मांग को लेकर अब तक कम से कम सात लोग कथित तौर पर खुदकुशी कर चुके हैं|

पिछले दिनों विभिन्न राजनीतिक दलों से साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बैठक भी हुई| जिसमें कानून के दायरे में मराठा समुदाय को आरक्षण देने पर विचार किया गया है| सरकार ने कहा कि कानूनी प्रकिया की जांच के बाद मराठा आंदोलन के विषय में एलान किया जाएगा जिससे अन्य समुदायों को मिलने वाले आरक्षण पर कोई प्रभाव न पड़े| विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाती रही है| वहीं बीजेपी और खुद कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक मंच से कह चुके हैं कि आरक्षण को उनके रहते कोई हाथ नहीं लगा सकता है| विपक्ष भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है| अपने बयान के बाद में गडकरी ने भी यही पक्ष रखा और ट्वीट कर कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण की सरकार की कोई मंशा नहीं है|