न्यायिक तहसीलदार की पुनः नियुक्ति के विरोध में 21मई तक हड़ताल पर गये सभी संगठन

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रिपोर्टर:-  नफीस अहमद

बिलग्राम(हरदोई):-  तहसीलदार न्यायिक के बहिष्कार के साथ 21 मई तक हड़ताल पर गए समस्त अधिवक्ता। स्थानीय  तहसील   कार्यालय परपूर्व में तैनात तहसीलदार न्यायिक की पुनः वापसी के विरोध व उपजिलाधिकारी की नियुक्ति को लेकर लामबंद हुए तहसील के अधिवक्ता।मालुम हो कि पिछले वर्ष अधिवक्ताओं और न्यायिक तहसीलदार के बीच हुई तू-तू मैं-मैं में अधिवक्ताओं ने 4 महीने तक आंदोलन कर न्यायिक तहसीलदार संजय कुमार सक्सेना का हरदोई स्थानांतरण किया गया था।पर वकीलों को जैसे ही पता चला कि उनके चिर प्रतिद्वंद्वी संजय कुमार सक्सेना का पुनः जनपद हरदोई से बिलग्राम तहसील कार्यालय पर स्थानांतरण कर दिया गया है।

जिसको लेकर अधिवक्ताओं ने उनके आने से पहले  लामबंद होकर उनका विरोध करना शुरू कर दिया है।जिसे लेकर कुछ दिन पहले अधिवक्ता वेलफेयर एसोसिएशन के द्वारा तहसीलदार राजेश कुमार को ज्ञापन देकर यह मांग करते हुए आरोप लगाते हुए बताया था।कि  संजय कुमार सक्सेना का व्यवहार अधिवक्ताओं के प्रति निंदनीय रहा है। इसलिए उनका स्थानांतरण बिलग्राम में करने संबंधी आदेश वापस लिया जाना चाहिए।साथ ही अधिवक्ताओं की अन्य महत्वपूर्ण मांग थी।जिसमें तहसील कार्यालय पर एसडीएम की रिक्त पड़ी कुर्सी पर किसी न की तैनाती  जल्द से जल्द होनी चाहिए।क्योंकि जनता को मूलभूत सुविधाओं से सम्बंधित कार्यों के अभिलेखों को सत्यापन हेतु संडीला जाना पड़ता है।

जिसमें  उनका पैसा व श्रम अधिक खर्च होता है।पर अधिवक्ता एसोसिएशनों द्वारा की गई दोनों मांगों को जिला प्रशासन द्वारा नहीं माना गया।जिसके कारण अपनी मांगों को लेकर बिलग्राम अधिवक्ता वेलफेयर एसोसिएशन के समस्त पदाधिकारी एवं अधिवक्तागणों द्वारा जिला प्रशासन के इस निर्णय के विरोध में 24- 4-18 तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का फैसला किया हथा।लेकिन तय समय सीमा के बाद भी अधिवक्ताओं की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाने की जगह न्यायिक तहसीलदार श्री सक्सेना द्वारा कार्यभार ग्रहण करने के बाद से लगातार उसी दिन  से लेकर आज तक अधिवक्ताओं की सभी यूनियन के अध्यक्ष व संघठन के समस्त पदाधिकारियों द्वारा न्यायिक तहसीलदार के विरोध करने वाले अधिवक्ताओं द्वारा बातचीत में बताया गया कि तहसील कार्यालय पर कार्यरत सभी संघठन 21 मई तक निरन्तर हड़ताल पर रहेंगे।जिस पर तहसील मुख्यालय पर कार्यरत सभी अधिवक्ताओं की एसोसिएशनों का दो टूक शब्दों में कहना है कि यदि इस दौरान श्री सक्सेना का स्थानांतरण अन्य जगह नहीं किया गया।तो तहसील के हर अधिवक्ता प्रत्येक दिन उक्त विरोध व नारेबाजी सम्बंधित व्यक्ति विशेष पर करने से नहीं हिचकेंगे।