पर्यटन से जुड़े वाहनों के लिए एक कर की व्यवस्था लागू ये रहेगा शुल्क 

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

कई बार क्या हर बार बहुत से लोग अपनी समर फिकेशन छुट्टिया कही दूर टूर पर जाकर समय व्यतीत करते हैं। तो वही दूसरी ओर बहुत से गर्मियों के मौसम में पर्यटन से जुड़े वाहनों के राष्ट्रीय परमिट के लिए पूरे देश में एक कर व्यवस्था लागू कर दी गई है। इससे दूसरे राज्यों में जाने पर वहां स्थानीय टैक्स अब नहीं भरना होगा। केंद्र सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। राज्य के परिवहन उपायुक्त ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि, पर्यटन से जुड़े सवारी वाहनों को राज्यों से ऑल इंडिया परमिट जारी होते हैं। इसके बावजूद, वाहन मालिक को दूसरे राज्यों में जाने पर वहां का टैक्स भी अदा करना पड़ता था। लेकिन, नई व्यवस्था के तहत देश में एक समान कर लागू कर दिया गया। उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय के अनुसार, यह व्यवस्था ठीक है। वर्तमान में यूपी जाने पर प्रति सीट तीस रुपये रोजाना शुल्क है। हिमाचल में यह शुल्क वहां चले किलोमीटर के आधार पर भरना पड़ता है। यदि केंद्र सरकार ने पूरे देश के लिए एक समान शुल्क लागू किया है, तो यह बेहतर होगा। यह जरूर है कि शुल्क की राशि पर केंद्र सरकार को पुनर्विचार भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह राशि कुछ ज्यादा है।

:- सालाना परमिट फीस

⇒ 09 सीटर वाहन: प्राधिकार फीस 500 रुपये, एसी वाहन के लिए 25 हजार रुपये और गैर एसी वाहन की परमिट फीस 15 हजार रुपये ।
⇒ 23 से कम सीटर वाहन: प्राधिकार फीस 750 और एसी वाहन के लिए परमिट फीस 75 हजार, गैर एसी वाहन फीस 50 हजार रुपये ।
⇒ 23 से अधिक सीटर वाहन: प्राधिकार फीस 1000 रुपये, एसी वाहन का परमिट शुल्क तीन लाख, गैर एसी वाहन का शुल्क दो लाख केंद्र ने 10 मार्च को अधिसूचना जारी की है। यह राज्य को मिल गई। इसके अनुसार स्थानीय स्तर पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। अब परमिट शुल्क में एकरूपता आएगी।