पाकिस्तान की तेवर पड़े नरम, भारत की साथ बातचीत करना चाहते है पाकिस्तानी सेना प्रमुख

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लंदन :– पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ये मानते हैं कि भारत के साथ शांति और स्थिरता कायम रखने के लिए सैन्य सहयोग जरूरी है। ब्रिटेन के थिंक टैंक रॉयल यूनाइट्स सर्विसेज इंस्टिट्यूट ने अपनी ऐनालिटिकल रिपोर्ट में यह बात कही है। इस रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा पहला मौका था जब बीते महीने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने भारत के सैन्य अताशे संजय विश्वराव और उनकी टीम को पाकिस्तान दिवस के मौके पर इस्लामाबाद में आयोजित परेड में शामिल हुए थे।

पाकिस्तान प्रमुख जनरल बाजवा  ने कहा कि पाकिस्तान सेना भारत के साथ शांति से बातचीत करना चाहती है
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान आर्मी के टॉप ऑफिसर और खुफिया एजेंसी आईएसआई के डायरेक्टर जनरल मेजरल जनरल अहमद ने सुनिश्चित किया कि पाकिस्तान को भारत के साथ वार्ता के लिए कैसी और कब कोशिश की जानी चाहिए। जनरल हयात ने बताया कि इस्लामाबाद अपनी रक्षा कूटनीति को मजबूत करने के बाद बिना अमेरिका दबाव के भारत के साथ संपर्क करेगी।

कश्‍मीर पर अड़े हैं बाजवा
जनरल बाजवा ने इससे पहले काकुल स्थित पाकिस्‍तान मिलिट्री एकेडमी की पासिंग आउट परेड के दौरान कहा था कि भारत के साथ कश्‍मीर समेत सभी विवादों का हल संभव है| उनका मानना है कि दोनों देशों के बीच एक सटीक और अर्थपूर्ण बातचीत के जरिए कश्‍मीर जैसे सभी विवादों को निबटाया जा सकता है|
इसके साथ ही जनरल बाजवा ने पास आउट होने के वाले कैडेट्स के सामने बार-बार कश्‍मीर का जिक्र किया| उन्‍होंने फिर पुरानी बात दोहराई और कहा कि उनका देश जम्‍मू कश्‍मीर के लोगों के स्‍वराज के मौलिक अधिकार को राजनीतिक और नैतिक समर्थन देता रहेगा| बाजवा के मुताबिक पाकिस्‍तान ने आतंकवाद के खात्‍मे के लिए खुद को समर्पित किया है|

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मोदी के एक्शन से बौखलाया पाकिस्तान
हांलाकि अंदर की बात कुछ और ही है| भारतीय सेना को खुली छूट मिली हुई है, इसलिए सीमा पर जिहादी आतंकियों व् उनका साथ देने वाले पाक फौजियों का जमकर शिकार हो रहा है| पाक फ़ौज के हर हमले के जवाब में उसके सैनिकों को ठोकने के साथ-साथ उसकी चौकियों को भी उड़ाया जा रहा है|

कश्मीर में जो पाक परस्त आतंकी हैं, उन्हें ठोका जा रहा है| कश्मीर में पाकिस्तान जंग हारता जा रहा है| वहीँ पीएम मोदी के कारण अमेरिका समेत दुनियाभर के देशों ने पाकिस्तान की दाना-पानी बंद कर दिया है| यही कारण है कि उच्च पदों पर बैठे अपने स्लीपर सेल्स के सहारे अब पाकिस्तान इस तरह की झूटी रिपोर्ट्स छपवा कर अपने लिए सहानभूति बटोरने की कोशिश कर रहा है| मगर पाकिस्तान को यहाँ भी मुँह की खानी पड़ी है, क्युकी इस रिपोर्ट के बावजूद भारत अपने फैसले पर कायम है| जब तक पाकिस्तान आतंकवाद ख़त्म नहीं कर देता और कश्मीर को अशांत करने की साजिशें को विराम नहीं देता| तब तक उसके साथ कोई बातचीत नहीं की जायेगी|

इस रिपोर्ट में कहा गया कि एक अन्य पाक अधिकारी मेजर जनरल अहमद हयात ने 2013 में कथित तौर पर एक इंडिया प्लान लिखा था, जिसमें यह बताने की कोशिश की गई थी कि कब और कैसे पाकिस्तान को भारत से बातचीत करने का प्रयास करना चाहिए। जनरल हयात ने कहा था कि पाक सेना को भारत से तब बात करनी चाहिए, जब उसकी रक्षा कूटनीति मजबूत हो और किसी भी तरह के अमेरिकी दबाव से मुक्त हो। उन्होंने कहा, ‘यह बात सही है कि आप अपने ऐसे पड़ोसी से हमेशा दुश्मनी की स्थिति में नहीं रह सकते, जो साइज में आप से छह गुना बड़ा हो। लेकिन संकेत तो सही होने चाहिए।

इस बीच, रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अफगान-भारतीय वाणिज्य पर व्यापार वार्ता के लिए पाकिस्तान के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बातचीत के लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा भारत के निरंतर दृष्टिकोण का यही एक सही मौका हो सकता है, इससे पहले की शांति और स्थिरता के लिए नई दिल्ली दबाव डाले।