पूर्व सांसद धनंजय सिंह शुक्रवार को देर शाम जेल से हुए रिहा

संवाददाता पंकज यादव

रीडर टाइम्स न्यूज़

जौनपुर/ 29 अगस्त शनिवार, अपहरण व रंगदारी के मामले में जिला कारागार में निरुद्ध पूर्व सांसद धनंजय सिंह शुक्रवार की शाम रिहा हो गए। एमएलसी बृजेश सिंह प्रिसू व अन्य समर्थकों ने जेल से बाहर आने पर उनकी अगवानी की। मालूम हो कि गुरुवार को उच्च न्यायालय ने पूर्व सांसद को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। इससे पहले उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति उनके अधिवक्ता ने जिला जज की अदालत में प्रस्तुत करते हुए जमानत धनराशि निश्चित करने की दरखास्त दी। कोर्ट ने एक लाख रुपये के निजी बंधपत्र एवं इतनी ही धनराशि की दो जमानतों पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। पत्रावली अदालत में आरोप नियत करने के लिए लगी हुई है। कोर्ट ने आरोप पर बहस के लिए तीन सितंबर की तारीख निश्चित की।

बता दें, लाइन बाजार थाना क्षेत्र में गत 10 मई को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिघल के अपहरण व रंगदारी के मामले में पूर्व सांसद धनंजय व उनके सहयोगी विक्रम के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। तभी से वे जेल में निरुद्ध थे। जिला अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने पर हाईकोर्ट में तारीख पर तारीख पड़ती रही। इसी दौरान वादी अभिनव ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दे दिया कि धनंजय व विक्रम ने न तो उनका अपहरण कराया था और न ही रंगदारी मांगी थी। इसी आधार पर विक्रम को यहीं से जमानत मिल गई थी। उसकी कॉपी हाईकोर्ट में लगाई गई थी।

गुरुवार को धनंजय को हाईकोर्ट ने वादी के उसी बयान के आधार पर इन शर्तों के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया कि वे मुकदमे से संबंधित साक्ष्यों से कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे। न गवाहों को धमकी देंगे न दबाव डालेंगे और न ही रिहाई के बाद किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल होंगे। बिना पर्याप्त कारण के अनुपस्थित रहने पर उनके खिलाफ सुसंगत धारा में कार्रवाई की जाएगी। यह भी निर्देश दिया कि आरोप तय होने व बयान के समय वे अदालत में उपस्थित रहेंगे। इन सात शर्तों में से किसी का भी उल्लंघन उनकी जमानत निरस्तीकरण के लिए पर्याप्त आधार माना जाएगा।