प्रधानों की सम्पतियों की जांच के फरमान से भ्रष्टाचारी प्रधान सदमें में

मनरेगा व पीएम आवासों की जांच सोशल ऑडिट द्वारा पहले से ही है जारी

पांच साल तक जितनी मलाई खाई,सरकार लेगी पाई-पाई का हिसाब

रिपोर्ट : गोपाल द्विवेदी , रीडर टाइम

rajasthan-panchayati-raj-election-2015

हरदोई : प्रधानी का चुनाव जीतने के बाद शोहरत की सीढ़ियां चढ़कर मतदाताओं पर ही ठसक जमाने वाले प्रधानों के लिए मुश्किलें खड़ी होने जा रही हैं।आगामी पंचायत चुनाव से पहले सरकार प्रधानों की सम्पत्तियों की जांच कराने जा रही है। पांच साल पहले और अब प्रधानों की दौलत में कितना और कैसे इजाफा हुआ है इसकी जांच की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से सूबे की सरकार को गाईड लाईन जारी किए जाने की तैयारी की जा रही है।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का समय नजदीक आ रहा है। इन पांच सालों में केन्द्रीय और प्रदेशीय सरकार की योजनाओं पर कितना अमल हुआ, इसके लिए यह कवायद शुरू की जा रही है। केन्द्र और प्रदेश सरकार से पंचायतों को मिलने वाली धनराशि कहां, कितनी खपाई गई और जमीनी हकीकत क्या है? इसके लिए हर जिले में टास्क फोर्स के गठन के लिए प्रक्रिया शुरू की जा रही है। यही नहीं ग्राम पंचायतों की सोशल ऑडिट के जरिए मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास की वास्तविक जवाबदेही और पारदर्शिता की ऑडिट पहले से ही शुरू है हर एक ब्लॉकों में ब्लॉक संसाधन व्यक्ति द्वारा सोशल ऑडिट कराई जा रही है जिसके परिणाम भी बेहतर आ रहे हैं।

इसके लिए सभी जिला अधिकारियों को एक पत्र भी भेजा गया है। जिसमें प्रधानों की सम्पत्तियों की जांच के लिए तैयारी के लिए निर्देशित किया गया है। वर्तमान प्रधानों की माली हालत उनके प्रधान बनने से पहले क्या थी और आय का श्रोत क्या था,पांच साल में प्रधानों के पास क्या-क्या संसाधन आए और उसका जरिया क्या था, प्रधानों के व्यक्तिगत खातों से पहले कितनी जमा निकासी थी और प्रधान बनने के बाद अब तक क्या रही,लग्जरी गाड़ी और जमीन खरीद कितनी हुई।इन सब बिंदुओं को जांच में शामिल किया जाएगा।सूत्रों के अनुसार, पांच साल में अधिकतर प्रधानों की सम्पत्तियों में कई गुना इजाफा हुआ है। इसका भी जरिया पता लगाया जाएगा।

केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं में पंचायतों को मिली धनराशि की भी जांच इस दायरे में शामिल है। विकास कार्य कितना हुआ, गुणवत्ता है कि नहीं और पंचायतों के खातों से हुए लेनदेन का ब्यौरा भी जुटाया जाएगा। माना जा रहा है कि आय से अधिक और बेनामी सम्पत्ति वाले प्रधानों को आगामी पंचायत चुनाव लड़ने से भी वंचित किया जा सकता है। जांच के दौरान प्रधानों से उनकी आय और सम्पत्तियों के साथ आपराधिक रेकॉर्ड का शपथ पत्र भी लिया जाएगा। उन्हें अपनी पैतृक संपत्ति समेत अन्य सभी ब्यौरे इस शपथ-पत्र में देने होगें। प्रधानों की सम्पत्तियों की जांच के बारे में गाईड लाईन की प्रतीक्षा है। सरकार की ओर से जारी गाईड लाईन का पूरा पालन किया जाएगा। इस प्रकिया के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग और तैयार है।