बगडी क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्थाओं को लेकर क्वारंटाइन युवक ने उठाये सवाल

                   युवक के अनुसार क्वारंटाइन सेंटर में स्वास्थ्य ठीक करने नहीं, स्वास्थ्य बिगाड़ने के लिए रखा जाता है

रिपोर्ट :-संवाददाता(राकेश शर्मा)
लालसोट :- उपखण्ड मुख्यालय के ग्राम पंचायत बगडी मे स्थित अंबेडकर भवन मे चिकित्सा विभाग के द्वारा बनाये गए कोरोनो क्वारंटाइन सेंटर पर चिकित्सा विभाग एवं प्रशासन की लापरवाही का जंजाल फैला है, क्वारंटाइन सेंटर में पिछले आठ दस दिनो से रह रहे एक युवक ने क्वारंटाइन सेंटर पर फैली अव्यवस्थाओं को किया फेसबुक पर वायरल किया है जिसमें उसने बताया कि एक कमरे में आठ आठ गद्दे जमीन पर बिछाकर आठ जनो को एक कमरे रखा जाता है जिनके कमरों मे नियमित रूप से सफाई नहीं की जाती एक ही चादर भी नहीं बदली जाती।दुसरी ओर अंबेडकर छात्रावास में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर मे करीब 100 के करीब युवकों को क्वारंटाइन किया हुआ है।जिनके लिए पीने के पानी के लिए एक टंकी पर लगी 2 टोटियां से सभी बारी बारी से पानी पीकर प्यास बुझाते है । उसने बताया कि दूसरी ओर शौचालय में ही नहाने के लिए भी कहा जाता है जिसमें अलग से नहाने की व्यवस्था भी नहीं है।वही साफ सफाई सहित सेनेटाइज भी समय पर नहीं किया जाने तक अन्य समस्याओं के बारे में जानकारी दी।दुसरी ओर राज्य सरकार के द्वारा कोरोनो को हराने के लिए पहली सीढी के रूप में साफ सफाई है जिसका क्वारंटाइन सेंटर में बखूबी धज्जियां उड़ाई जा रही है।दुसरी ओर सोशल डिस्टैंसिंग की पालना नही हो रही जो एक ही टोटी पर पानी पीकर सोशल डिस्टैसिंग का पालन किया जा रहा है दिनभर मे टोटी पर न जाने कितनी बार कितने लोग अपने हाथों से टोटी खोलकर पीते है पानी।कोरोनो से बचने के लिए बार बार हाथ धोना व सेनेटाइज करना । युवक के अनुसार क्वारंटाइन मे रहने वाले लोगों को जब सेनेटाइज ही नहीं दिया गया तो वे लोग सेनेटाइज क्या खाक करेंगे मुंह पर मास्क लगाकर भी कोरोनो को हराने मे सक्षम है पर जब लोगों को मास्क ही उपलब्ध नहीं करवाया तो कोरोनो कहा से भागेगा।

 

इस पर रीडर टाइम्स के प्रतिनिधि ने जब बगड़ी अम्बेडकर छात्रावास स्थित क्वारन्टीन सेंटर के प्रभारी बीडीओ योगेश से बात की तो उन्होंने बताया कि युवक द्वारा लगाए गए आरोप गलत है।हमारे द्वारा नियमित रूप से क्वारन्टीन सेंटर को सेनेटाइज किया जाता है व दो स्वास्थ्यकर्मी नियमित रूप से पीपीई किट पहनकर क्वारन्टीन वार्ड को सेनेटाइज करते है।

 

गौरतलब है कि लालसोट मे अबतक कोरोनो पोजेटिव आने वाले मरीजों को यहीं बगडी क्वारंटाइन सेंटर से ही उठाया गया है पर जबतक उनको यहां से उठाया जाता है तो वह व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित करता होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।साथ ही व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे है कि यदि युवक की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है तो उसे अब तक क्वारन्टीन में क्यों रखा गया है ।कोरोनो वायरस संक्रमण महामारी से आमजन को बचाने के लिए जहां राज्य सरकार ओर केंद्र सरकार लाखों करोड़ों रुपये खर्च करने का ढिढोरा पीट रहे है तो लालसोट क्षेत्र में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों के हालात देखकर तो यह नहीं लगता कि कोरोनो मरीजों एवं उनके परिजनों पर लाखों रुपए खर्च किये जा रहै है।