बच्चे बड़े – बुजुर्ग सभी का हैं फेवरेट ये बिस्किट ; फिर भी नाम में लगे G का मतलब नहीं पता,

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
देश भर में शायद ही कोई ऐसा बच्‍चा या बुजुर्ग होगा . जिसने पारले-जी बिस्किट नहीं खाया हो. खासकर बचपन में तो ये बिस्किट बच्‍चों का एकदम फेवरेट होता है. बोला जा सकता है . कि अगर बिस्किट की चर्चा हो तो सबसे पहले लोगों की जुबान पर पारले-जी (Parle-G) ही आएगा. 90 के दशक के बच्चों को तो अपना वो दौर याद होगा, जब चाय के साथ पारले-जी का कॉम्बिनेशन फेमस हुआ करता था. यहां तक की उस समय पारले-जी का एड भी काफी लोकप्रिय था. उसके पैकेट पर छपी लड़की की तस्वीर को लेकर भी कई तरह की कहानियां आपने सुनी होंगी, लेकिन क्या आप बिस्किट के रैपर पर लिखे G का मतलब जानते हैं.

पारले-जी के पीछे की कहानी:
पारले-जी का इतिहास जानना हो तो आजादी के भी पहले की बात करनी होगी, क्‍योंकि ये कंपनी 1929 से ही इस प्रोडक्‍ट को बना रही है. हालांकि पहले इसका नाम कुछ और हुआ करता था. आजादी से पहले पारले जी का नाम ग्लूको बिस्किट था. आपको जानकर हैरानी हो सकती है द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय और ब्रिटिश दोनों ही सैनिकों में इसकी लोकप्रियता थी. लेकिन आजादी के बाद ग्लूको बिस्किट का प्रोडक्‍शन बंद कर दिया गया. दरअसल, इसे बनाने के लिए गेहूं का इस्तेमाल किया जाता था और उस समय देश में अन्न का संकट था, जिस वजह से इसका प्रोडक्‍शन बंद करना पड़ा था.

ब्रिटेनिया ने जमाया कब्‍जा:
Parle-G के बंद होने के बाद भारतीय मार्केट में दूसरी कंपनियों में कॉम्पिटिशन बढ़ने लगा. खासकर उस समय ब्रिटेनिया ने ग्लोकज-डी बिस्किट लॉन्‍च कर दिया था और कंपनी पूरे मार्केट पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही थी. उसी समय ग्लूको बिस्किट को दोबारा लॉन्च कर दिया गया.

पारले-जी की लड़की और G का मतलब:
लॉन्‍च के समय ही इसका नाम पारले-जी रखा गया और कवर पर छोटी-सी लड़की की फोटो भी लगा दी गई. बताया जाता है कि पारले नाम मुंबई के विले-पार्ले इलाके से लिया गया था. जहां इसकी फैक्ट्री हुआ करती थी. वहीं, Parle-G में दिए ‘G’ का मतलब ‘ग्लूकोज’ से था. दरअसल, पारले-जी ग्लोकज बिस्किट है. हालांकि, कंपनी ने साल 2000 में इसका नाम बदल दिया और ‘G’ का मतलब ‘जीनियस’ प्रमोट किया जाने लगा.