भारत की पहली गायिका गौहर जान भी हुई शोषण का शिकार

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गौहर जान भारत की पहली गायिका थीं, 26 जून 1893 को जन्मी भारतीय सिनेमा की मशहूर गायिका का असली नाम एंजलिना योवर्ड था. वह भारत की पहली गायिका थी, जिन्होंने भारतीय संगीत के इतिहास में अपने गाए गानों की रिकॉर्डिंग कराई थी. यही वजह है कि उन्हें ‘भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार’ का दर्जा मिला है. गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है. भारत की पहली रिकॉर्डिंग सुपरस्टार गौहर जान के 145वें जन्मदिवस के मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है. गौहर जान ने 1902 से 1920 के बीच बंगाली, हिन्‍दुस्‍तानी, गुजराती, तमिल, मराठी, अरबी, पारसी, पश्‍तो, फ्रेंच और अंग्रेजी समेत 10 से भी ज्‍यादा भाषाओं में 600 से भी अधिक गाने रिकॉर्ड किए.

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जानिए उनकी जिंदगी से जुड़ी 11 महत्वपूर्ण बातें :-

1. गौहर जान का जन्‍म 26 जून 1873 में आजमगढ़ में हुआ था. उनके बचपन का नाम एंजेलिना येओवॉर्ड था. उनके पिता विलियम रॉबर्ट अमेरिकी इंजीनियर थे, जिन्‍होंने उनकी मां विक्‍टोरिया हेमिंग से 1872 में शादी की थी.  उनकी मां भारतीय थीं और उन्‍होंने संगीत और डांस में शिक्षा ली थी.
2. शादी के सात साल बाद 1879 में एंजेलिना के माता-पिता का तलाक हो गया. तलाक के बाद उनकी मां ने इस्‍लाम कुबूल कर अपना नाम मलका जान रख लिया. वहीं एंजेलिना का नाम गौहर जान हो गया.

3. उस समय मलका जान स्‍थापित गायिका और नृत्‍यांग्‍ना बन चुकी थीं. उन्‍हें लोग ‘बड़ी मलका जान’ के नाम से जानते थे. 1883 में मलका जान कलकत्ता में नवाब वाजिद अ‍ली शाह के दरबार में नियुक्‍त हो गईं. फिर तीन सालों के अंदर उन्‍होंने कलकत्ता के 24 चितपोरे सड़क पर 40 हजार रुपये में खुद का घर खरीद लिया. यहीं पर गौहर जान की ट्रेनिंग शुरू हुई.
4. गौहर जान ने पटियाला के काले खान उर्फ ‘कालू उस्‍ताद’, रामपुर के उस्‍ताद वजीर खान और पटियाला घराने के संस्‍थापक उस्‍ताद अली बख्‍श जरनैल से हिन्‍दुस्‍तानी गायन सीखा. इसके अलावा उन्‍होंने महान कत्‍थक गुरु बृंदादीन महाराज से कत्‍थक, सृजनबाई से ध्रुपद और चरन दास से बंगाली कीर्तन में श‍िक्षा ली. जल्‍द ही गौहर जान ने ‘हमदम’ नाम से गजलें लिखना शुरू कर दिया. यही नहीं उन्‍होंने रबींद्र संगीत में भी महारथ हासिल कर ली थी.
5. बनारस में डांस और म्‍यूजिक की कड़ी ट्रेनिंग के बाद गौहर जान ने 1887 में शाही दरबार दरभंगा राज में अपना हुनर दिखाया और उन्‍हें बतौर संगीतकार नियुक्‍त कर लिया गया. इसके बाद उन्‍होंने 1896 में कलकत्ता में प्रस्‍तुति देना शुरू कर दिया.

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6. 1904-05 के दौरान गौहर जान की मुलाकात पारसी थिएटर आर्टिस्‍ट अमृत केशव नायक से हुई. दोनों एक-दूसरे से प्‍यार करते थे लेकिन अचानक 1907 में केशव नायक की मौत हो गई.
7. गौहर जान को दिसंबर 1911 में दिल्‍ली दरबार में किंग जॉर्ज पंचम के सम्‍मान में आयोजित कार्यक्रम में बुलाया गया, जहां उन्‍होंने इलाहाबाद की जानकीबाई के साथ गाना गया.
8. कुछ समय बाद गौहर जान मैसूर के महाराजा कृष्‍ण राज वाडियार चतुर्थ के आमंत्रण पर मैसूर चली गईं. हालांकि 18 महीने बाद 17 जनवरी 1930 को मैसूर में उनका निधन हो गया.

9. गौहर जान ने 1902 से 1920 के बीच बंगाली, हिन्‍दुस्‍तानी, गुजराती, तमिल, मराठी, अरबी, पारसी, पश्‍तो, फ्रेंच और अंग्रेजी समेत 10 से भी ज्‍यादा भाषाओं में 600 से भी अधिक गाने रिकॉर्ड किए. गौहर जान ने अपनी ठुमरी, दादरा, कजरी, चैती, भजन और तराना के जरिए हिन्‍दुस्‍तानी शास्‍त्रीय संगीत को दूर-दूर तक पहुंचाया.
10. गौहर जान दक्षिण एशिया की पहली गायिका थीं जिनके गाने ग्रामाफोन कंपनी ने रिकॉर्ड किए. रिकॉर्डिंग 1902 में हुई थी और उनके गानों की बदौलत ही भारत में ग्रामोफोन को लोप्रियता हासिल हुई.

 

                 13 की उम्र में हुई शोषण का शिकार 

भारतीय शास्त्रीय संगीत को शिखर पर पहुंचाने वाली गौहर असल जिंदगी में शोषण का शिकार रही थीं. गौहर का 13 साल की उम्र में बलात्कार हुआ था. इस सदमे से उबरते हुए गौहर संगीत की दुनिया में अपना सिक्का जमाने में कामयाब हुईं. गौहर की कहानी 1900 के शुरुआती दशक में महिलाओं के शोषण, धोखाधड़ी और संघर्ष की कहानी है. गौहर की कहानी को विक्रम संपथ ने सालों की रिसर्च के बाद किताब में ‘माई नेम इज गौहर जान’ के जरिए सबके सामने रखा.

                   600 से ज्यादा गीत रिकॉर्ड किए 

गौहर जान ने 20 भाषाओं में ठुमरी से लेकर भजन तक गाए हैं. उन्होंने करीब 600 गीत रिकॉर्ड किए थे. यही नहीं, गौहर जान दक्षिण एशिया की पहली गायिका थीं जिनके गाने ग्रामाफोन कंपनी ने रिकॉर्ड किए. 1902 से 1920 के बीच ‘द ग्रामोफोन कंपनी ऑफ इंडिया’ ने गौहर के हिन्दुस्तानी, बांग्ला, गुजराती, मराठी, तमिल, अरबी, फारसी, पश्तो, अंग्रेजी और फ्रेंच गीतों के छह सौ डिस्क निकाले थे. उनका दबदबा ऐसा था कि रियासतों और संगीत सभाओं में उन्हें बुलाना प्रतिष्ठा की बात हुआ करता थी.