माओवादियों के खिलाफ पुणे में आरोप पत्र दाखिल, PM Modi को मारने की थी साजिश

PM Modi

पुणे,मुंबई :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने वाले कुछ माओवादियों के खिलाफ पुणे पुलिस ने बृहस्पतिवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। आरोपपत्र के मुताबिक माओवादियों ने मोदी की हत्या के अलावा देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए हथियारों की खरीद की भी साजिश रच रहे थे। पुलिस ने यह भी कहा है कि माओवादी दलितों को लामबंद करने और भड़काने का प्रयास कर रहे हैं और पिछले साल दिसंबर में एल्गार परिषद का सम्मेलन इस षड्यंत्र का हिस्सा था।

 

 

पुलिस ने चार्जशीट में यह भी दावा किया कि पुणे में पिछले साल दिसंबर में यलगार परिषद सम्मेलन का आयोजन और दलितों को भड़काने की कोशिश इसी रणनीति का हिस्सा थे। चार्जशीट में कहा गया है कि माओवाद समर्थित सम्मेलन ने 1 जनवरी को भीमा कोरेगांव में हिंसा को बढ़ावा दिया था। 5000 पन्ने से ज्यादा की चार्जशीट में सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राउत, शोमा सेन, रोना विल्सन और सुधीर धावले सहित 10 लोगों के नाम हैं। पांच लोगों को 6 जून को गिरफ्तार किया गया था।

 

 

चार्जशीट में कहा गया है कि पांचों गिरफ्तार ऐक्टिविट्स सीपीआई (एम) के सक्रिय कार्यकर्ता थे। गाडलिंग और सेन ने प्रतिबंधित संगठन और एल्गार परिषद के लिए कोरेगांव भीमा शौर्य दिन प्रेरणा अभियान के रूप में फंड इकट्ठा किया। यही नहीं, 1 जनवरी की हिंसा के बाद इलाके में तनाव को बरकरार रखने के लिए माओवादियों ने पूर्व पीएमआरडी रिसर्च फेलो राउत के जरिए 5 लाख रुपये गाडलिंग और सेन को मुहैया कराए थे।

 

 

चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि राउत ने मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइसेंस के दो छात्रों की भी भर्ती की थी और उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग के लिए माओवादी प्रभावित गुरिल्ला जोन जंगल में भेजा था। विल्सन और प्रकाश के बीच पत्राचार में यह बात सामने आई। विल्सन और गाडलिंग के लैपटॉप और कंप्यूटर से पुलिस ने कई कागजात प्राप्त किए गए जिसमें मालूम हुआ कि 21 से 24 दिसंबर के बीच हुई मीटिंग में माओवादियों ने कई फैसले किए थे।

 

 

माना जाता है कि इन पांच नामों के अलावा अन्य माओवादी नेता दीपक उफ मिलिंद तेलतुंबाडे, किशन दा उफ प्रशांत बोस, प्रकाश उर्फ रितुपर्णा गोस्वामी, दीपू और मंगलू भूमिगत हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि रोना विल्सन और भगोड़ा किशन दा ने प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रची थी।

 

 

एक सेंट्रल कमिटी सर्क्युलर भी मिला जिसका टाइटल था- ‘वर्तमान स्थिति और हमारी चुनौती’, जिसमें यह भी कहा था कि कैसे दलितों, अल्पसंख्यकों, जनजातियों और गरीब वर्ग के जरिए बीजेपी और आरएसएस समेत “ब्राह्मणवादी” बलों के खिलाफ संघर्ष के लिए आतंकवादी गतिविधियों को सक्रिय करना था।

 

 

सभी 5 गिरफ्तार ऐक्टिविस्ट सीपीआई(एम) के कई फ्रंटल संगठन के जरिए काम कर रहे थे। जिसमें इंडियन असोसिएशन ऑफ पीपल्स लॉयर, अनुराधा गांधी मेमोरियल कमिटी और कबीर कला मंच शामिल हैं। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि माओवादी पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति के सदस्यों के सहयोग से विल्सन और गाडलिंग ने धवल, सेन और राउत को गैरकानूनी गतिविधियों के साथ-साथ मीटिंग का आयोजन कराने में शामिल किया था।