मुजफ्फरपुर कांड में सियासी तेज, तेजस्वी यादव आज देंगे जंतर-मंतर पर धरना

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मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न कांड पर बिहार में मचा सियासी घमासान अब दिल्ली तक पहुंच चुका है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव शनिवार को इस मसले पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने वाले हैं। राष्ट्रीय जनता दल के विधायक तेजस्वी यादव आज राजधानी में जंतर-मंतर पर नीतीश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे| उनके इस विरोध में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत दूसरे विपक्षी दलों के नेता भी शिरकत कर सकते हैं|

देश को हिला देने वाले इस यौन शोषण कांड पर शुक्रवार को पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ी और इसे शर्म का विषय बताया| नीतीश कुमार ने इस घटना पर अफसोस जताते हुए ये भी कहा कि जो पापी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी | लेकिन विपक्ष आरजेडी नीतीश कुमार के इतने आश्वासन के बाद भी अभी तक संतुष्ट नजर नहीं आ रहे है| तेजस्वी इस कांड के बहाने नीतीश सरकार को घेरने की कोशिश कोशिस में लगे हुए है|

तेजस्वी ने पत्र में लिखा है कि महीनों की रहस्यमयी चुप्पी देखकर मैं यह खुला पत्र लिखने को विवश हुआ हूं। यह विशुद्ध रूप से गैर-राजनीतिक पत्र है। बच्चियों के साथ हुई अमानवीय घटना से मैं सो नहीं पाया हूं। आप कैसे चुप रह सकते हैं। यह आपसे बेहतर कौन जानता होगा? जिनका जमीर ही मर चुका हो वो जिंदा रहकर भी क्या करेगा। नीतीश एक के बाद एक निशाना साधते हुए तेजस्वी ने पत्र में आगे लिखा है,|

‘मैं दुखी हूं क्योंकि जिनकी खिलौने से खेलने की उम्र थी वे खिलौना बन गईं। वो अनाथ मासूम लड़कियां किसी का वोटबैंक नहीं हैं इसलिए हमें क्या लेना-देना? उनसे हमारा कोई रिश्ता थोड़े ना था, वे लुटती रहीं, पिटती रहीं, शर्मशार होती रहीं, बेइज्जत होती रहीं, कराहती रहीं, चीखती रहीं, मरती रहीं और सरकार गहरी नींद में सोती रही।’ तेजस्वी यही नहीं रुके बल्कि राज्य सरकार पर संरक्षण देने का भी आरोप लगा दिया। उन्होंने लिखा, ‘आपकी सरकार के संरक्षण उनका ऐसा शोषण हुआ जिसे सोचकर रूह कांप जाती है। क्या यही सुशासन है जहां, पुलिस ने आंखे मूंद ली थी। यह समाज और सरकार का सबसे घिनौना, सबसे गंदा चेहरा है।’

मुजफ्फरपुर के बालिकागृह से निकली शर्म की कथाएं पूरे बिहार के माथे पर बदनुमा दाग बनकर सामने आई हैं और इस साजिश को रचने का आरोप ब्रजेश ठाकुर पर है| ब्रजेश सेवा संकल्प एवं विकास समिति NGO का संस्थापक है, जो यह बालिकागृह चलाती थी| टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस), मुम्बई द्वारा अप्रैल में राज्य के समाज कल्याण विभाग को सौंपी गई एक ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सबसे पहले सामने आया था| जिसके बाद बालिका गृह में रहने वाली 42 में से 34 लड़कियों के मेडिकल टेस्ट में यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई|

इस मामले में 31 मई को 11 लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. ठाकुर समेत 10 लोगों को तीन जून को गिरफ्तार किया गया था| एक व्यक्ति फरार है|इस केस में बिहार समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति का नाम भी आ रहा है, जिस पर विवाद बना हुआ है| दरअसल, इस मामले में गिरफ्तार जिला बाल संरक्षण अधिकारी रवि रोशन की पत्नी ने यह आरोप लगाया है कि मंत्री के पति चंद्रशेखर वर्मा अक्सर बालिका गृह में जाया करते थे|