युवाओ में तेजी से बढ़ रहा हैं एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स 


शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

पिछले कुछ सालों में लोगों में त्वचा को लेकर काफी जागरूकता बढ़ी है। पहले जहां 40-50 की उम्र में लोग एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स या ट्रीटमेंट के लिए एक्सपर्ट्स के पास जाते थे, वहीं अब 30 साल के युवा भी त्वचा पर खूब खर्चा कर रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स का मार्केट पिछले कुछ सालों में 5 गुना बढ़ गया है।

“एंटी-एजिंग इलाज हाल के सालों में नए उम्र के लोगों में बढ़ा है। 10 साल पहले वे लोग कॉस्मेटिक डर्माटोलॉजिस्ट या एस्थेटिक डॉक्टरों के पास आते थे जिनकी उम्र 40 या 50 साल हुआ करती थी। आज महिलाएं और पुरुष 35 साल की उम्र में एक्सपर्ट्स के पास जाते हैं। और जवान दिखने के लिए या बुढ़ापे को रोकने के लिए कंसल्ट करते हैं। प्रीवेन्टिव समाधानों के बारे में सतर्कता और जागरूकता बढ़ने और ग्लोबल ट्रेंड से परिचित होना ऐसे फैक्टर हैं जिससे इस ट्रेंड को बढ़ावा मिला है। स्किन रेजुवेंशन (त्वचा कायाकल्प) प्रक्रियाएं, लेज़र त्वचा पुनर्जीवन (लेज़र स्किन रिसर्फेसिंग), एडवांस एक्सफोलिएशन प्रक्रियाएं और प्रोहिलो जैसे हायल्यूरोनिक एसिड-आधारित इंजेक्शन बुढ़ापे के संकेतों को रोकने के लिए लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।”

: – पहले के मुकाबले ज़्यादा ख़राब हो रही है त्वचा

आज की भागती दौड़ती ज़िंदगी में हम में से ज़्यादातर लोगों को खुद का ख्याल रखने का समय ही नहीं मिल पाता। इसके अलावा हवा में बढ़ता प्रदूषण, तनाव, और सही स्किन केयर का पालन न करने से त्वचा वक्त से पहले मुरझा जाती है या कहीं कि बूढ़ी लगने लगती है। आजकल नौजवां लोगों में डार्क सर्कल्स, पिगमेंटेशन, झाइयां, ढीलापन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

“चिंता, प्रदूषण, दूषित व अस्वस्थ डाइट और स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट का संपर्क बढ़ने से हम पर उम्र का प्रभाव तेज़ी से बढ़ रहा है। लॉकडाउन के परिणामस्वरूप, आत्म-विश्लेषण और ऑनलाइन रिसर्च करने से लोग पहले से ज़्यादा जागरूक हो चुके हैं। वैज्ञानिक रूप से कोलेजन 25 साल या इससे ज्यादा की उम्र बढ़ने से घटता है, और जो लोग इसे जानते हैं, वे अपनी त्वचा में इन परिवर्तनों को देख सकते हैं। इसलिए पहले के मुकाबले अब युवा एंटी-एजिंग थेरेपी कराने लगे हैं। अब जब हम 50 या 60 साल के होते हैं, तो अपने आपको सुन्दर और जवान देखना चाहते हैं इसलिए लोगों को लगता है कि अभी का समय ही जवान होने का समय है। प्रोफ्हीलो जैसे इलाज से इसमें मदद मिलती है और त्वचा में निखार दिखता है।”

: – उम्र के साथ त्वचा में आते हैं ये बदलाव

उम्र बढ़ने के साथ यानी 30 की उम्र के बाद से ही त्वचा में बदलाव दिखने लगते हैं। समय के साथ त्वचा में कोलेजन, इलास्टिन और हाइलूरोनिक एसिड की कमी आने लगती है। यही वजह है कि उम्र के साथ हमारी त्वचा से निखार जाने लगता है।

“उम्र बढ़ना ठीक है लेकिन युवा अवस्था में बुढ़ापा दिखना सही नहीं लगता। युवा अवस्था में बुढ़ापे को फाइन लाइंस, पिगमेंटेशन (रंजकता), जीवन शक्ति (विटालिटी) की कमी और एलास्टिसिटी के साथ-साथ स्किन लैक्सिटी से दर्शाया जा सकता है। जैसा कि हम जानते हैं, कोलेजन, इलास्टिन और हाइलूरोनिक एसिड की कमी से स्किन कमज़ोर होने लगती है। व्यक्ति के जीवन के शुरुआती 30 साल में उचित संख्या में मरीज़ स्किन की सेहत और जीवन शक्ति सुनिश्चित करने के लिए हमारे पास सलाह लेने आते हैं। स्किनकेयर प्रक्रियाओं को अपनाने से इन खोए हुए संयोजी तत्वों को फिर से वापस पाने में मदद मिलती हैं, यह बुढ़ापे को रोकने का एक प्रमुख तरीका है। इसी दौरान सफाई, मॉइश्चराइज़िंग, सनस्क्रीन लगाने और अपनी स्किन के लिए उपयुक्त स्किनकेयर प्रोडक्ट का उपयोग करने से स्किन को जवान बनाए रखने में मदद मिलती है। स्वस्थ एंटीऑक्सिडेंट युक्त डाइट का सेवन करने और हर दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से भी बुढ़ापे के संकेतों को कम उम्र में रोका जा सकता है।”