यूपी के किसानों के लिए बड़ी सौगात, 39 साल में पूरी हो पाई एशिया की सबसे बड़ी नहर परियोजना ‘बाणसागर’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एशिया की सबसे बड़ी बाणसागर नहर परियोजना का उद्घाटन किया| यह परियोजना उत्तर प्रदेश के लाखों किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है| पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस योजना की बुनियाद राखी थी| बाणसागर नहर परियोजना 1997 में शुरू हुई थी| इसका उद्घाटन मिर्जापुर के चनईपुर गांव से किया| यह एक ऐतिहासिक पल है जब एशिया की सबसे बड़ी नहर परियोजना का उद्घाटन कर प्रधानमंत्री ने इसे देश को समर्पित किया| 3500 करोड़ की लागत से बनी इस 170 किमी नहर परियोजना के यूपी हिस्से का कार्य इसके शिलान्यास के 39 साल बाद पूरा किया जा सका है|

सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने सिंचाई भवन के सभागार में पत्रकार वार्ता करते हुए यह जानकारी दी| परियोजना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के दो बड़े जिलों मिर्जापुर और इलाहाबाद के असिंचित क्षेत्रों के 1.70 लाख किसानों को होगा| बाणसागर नहर से दोनों जिलों में 150131 लाख हेक्टेयर फसलों की सिंचाई संभव हो सकेगी| जिसमें मिर्जापुर में 75 हजार 309 हेक्टेयर और इलाहाबाद में 74 हजार 823 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी|

दरअसल सिंचाई की सुविधा के मामले में यह इलाका काफी संकटग्रस्त माना जाता था| वहीं मीर्जापुर जिले के पहाड़ी इलाके में गर्मी शुरू होते ही पानी की समस्या खड़ी हो जाया करती थी| ऐसा माना जा रहा है इस परियोजना के पूरा होने के साथ सूखे की समस्या से जूझ रहे इस क्षेत्र को निजात मिल पाएगी|

दरअसल 1997 में शुरू हुई ये योजना प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद ठंडे बस्ते में चली गई थी| 2017 में योगी सरकार के आने के बाद वर्षों से अधूरी पड़ी परियोजनाओं को रफ्तार मिली| मुख्यमंत्री ने सचिवालय से इन परियोजनाओं के दैनिक प्रगति की मॉनिटरिंग शुरू कराई| इसी कारण एक साल में बुंदेलखंड की 6 सिंचाई परियोजनाएं पूरी हुईं और विंध्याचल की बाणसागर परियोजना भी पूरी हो गई| राज्‍य शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री प्रदेश की वर्षों से अधूरी पड़ी उन सभी सिंचाई परियोजनाओं का प्रधानमंत्री से उद्घाटन कराना चाहते हैं, जो इस सरकार के प्रयास से पूरी हुई हैं|

बाणसागर परियोजना की परिकल्पना मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र में होने वाली वर्षा की अनिश्चितता को देखते हुए और उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य के कुछ सर्वाधिक सूखा ग्रस्त क्षेत्रों को सिंचित करने के लिए की गई थी| परियोजना के निर्माण के लिए मध्यप्रदेश ने 50 फीसदी, उत्तर प्रदेश ने 25 फीसदी और बिहार ने 25 फीसदी वित्तीय सहायता देना स्वीकार किया था| परियोजना का काम दस साल में पूरा किया जाना था, लेकिन वित्तीय संसाधनों की सीमित उपलब्धता और सहभागिता के अनुसार अंशदान का भुगतान समय से न होने के कारण परियोजना के कार्य लटकता गया| मध्यप्रदेश के हिस्से में इस महत्वाकांक्षी अंतर्राज्यीय परियोजना को 2006 में पूरा कर लिया गया| जिसका उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2006 में किया था|

इस योजना के अलावा योगी सरकार ने वर्षों से लंबित सरयू नहर परियोजना पर भी अपना ध्यान केंद्रित कर लिया है| मुख्यमंत्री के निर्देश पर 453 हेक्टेयर जमीन खरीदी जा रही है| सिंचाई विभाग के निर्माण मंडलवार अधिशासी अभियंता जमीन खरीद की रिपोर्ट रोज मुख्यमंत्री कार्यालय को कर रहे हैं| जानकारी के अनुसार इसके तहत अब तक 275.61 हेक्टेयर जमीन खरीदी जा चुकी है|