योगी की बढ़ी मुश्किलें ,कैराना-नूरपुर में हार

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लखनऊ :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुश्किलें काम होने का नाम नहीं ले रही हैं , मुख्यमंत्री पहले ही अपनी गोरखपुर सीट गवां चुके हैं. कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों ने उनके खाते में एक और हार लिख दी है, वहीं बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले नूरपुर विधानसभा की सीट भी योगी नहीं बचा पा रहे हैं. .योगी अपनी ही पार्टी के अंदर घिरते जा रही हैं.जहा 2014 में बीजेपी ने मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में पूरे उत्तर प्रदेश में विपक्ष का सूपड़ा साफ़ कर दिया था .80 सीटों वाले देश के इस सबसे बड़े प्रदेश में बीजेपी ने 72 सीटें जीतीं थीं .

माना जा रहा था की योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से बीजेपी की पकड़ उत्तर प्रदेश में मजबूत होगी .आशा के विपरीत योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार के एक साल पूरा होने से पहले ही अपनी ही गोरखपुर सीट सपा के हाथों गंवा बैठे. सिर्फ यही नहीं पार्टी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की फूलपुर सीट भी नहीं बचा सकी और सपा-बसपा ने एक साथ आकर सीएम योगी और बीजेपी को एक साथ दो बड़े झटके दे दिए.गोरखपुर-फूलपुर के झटकों से पार्टी अभी उबरी भी नहीं थी कि कैराना और नूरपुर के उपचुनाव भी उसके लिए बुरी खबर लेकर आए हैं.

देखना दिलचस्प होगा की 2019 में मोदी के खिलाफ गोलबंद होते विपक्ष का महागठबंधन को बीजेपी कैसे जवाब दे पाने में सफल हो पायेगी .हाल ही में हुए कर्नाटक चुनाव में मैजिक नो से दूर रहने के कारन जहा बीजेपी की सरकार 5 दिन में ही गिर गयी और 38 सीटों वाले जेडीएस के कुमारस्वामी ने कांग्रेस के मदद से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली .कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष की एकता की एक झलक भी देखने को मिली अब आने वाले समय में ये पता चलेगा की विपक्ष का महागठबंधन कब तक टिक पता हैं .