राजस्थान धौलपुर जिले के एक गांव, जहाँ करीब 22 साल बाद शहनाई गूंजी

rajsthan2

राजस्थान धौलपुर जिले के राजघाट गांव जहाँ करीब 22 साल बाद शहनाई की आवाज़ सुनाई दी है। बताया जाता है कि यहाँ 22 सालों में एक भी बारात नहीं निकली।आजादी के सात दशक बाद भी राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित गांव में इतने बदतर हालात हैं कि कोई भी यहां अपनी बेटी की शादी नहीं करना चाहता था। यहां लड़कों की शादियों का सिलसिला दो दशक पहले ही थम चुका था। हाल ही में यहाँ एक बारात निकली तो लोगों का जमावड़ा देखने लायक था। 22 साल बाद निकली बारात को देखने के लिए यहाँ हर व्यक्ति मौजूद था।

 

यहां लड़कों की शादियों का सिलसिला दो दशक पहले ही थम चुका था। यहां सड़क तक नहीं है और पानी के लिए मात्र एक हैंडपंप, जिसमें भी पानी खारा। हालातों को देखकर लगता है कि धौलपुर शहर से मात्र 6 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव की कोई सुध लेने वाला है ही नहीं। जो भी अपनी बेटी के रिश्ते के लिए आता, वह वापस नहीं आता था। लेकिन अब 22 साल बाद यहां लोगों ने बारात देखी। अटकलों को खारिज करते हुए पवन सिंह नाम के एक शख्स ने फिर से इस गाँव के व्यक्तियों को खुश होने का मौका दिया है। इसके चलते उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। 29 अप्रैल को पवन की बारात गाँव से रवाना हुई। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण दूल्हे की घोड़ी से बारात नहीं निकल पाई। इस मलाल से दूर ग्रामीण गाँव में बहू को देख फूले नहीं समाए।

 

ये किस्सा है चंबल नदी के किनारे स्थित राजघाट गांव का, जहां एक शादी ने ठहरी हुई जिंदगी में बड़ी हलचल मचा दी है और हर ओर इस गांव के ही चर्चे हो रहे हैं। शादी भी अब इसलिए हुई कि इस गांव के हालात बदलने लगे हैं। हालात बदलने का बीड़ा जयपुर के एसएमएस कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे अश्वनी पाराशर और उनके साथियों ने उठाया और तीन साल की मेहनत के बाद यहां फिर से रिश्ते आने लगे।

 

 

22 साल बाद गांव में शहनाई बजने के बाद लोगों के चेहरे पर एक उम्मीद की किरण आई है | 22 साल के बाद इस गांव के दूल्हे पवन मध्यप्रदेश के कुसैत से दुल्हन लेकर गांव पहुंचे, तो गांव में खुशी की लहर दौड़ गई | पवन की शादी के बाद गांव के लोगों में यह उम्मीद जगी है | कि अब यहां की मूलभूत सुविधाओं पर जल्द ध्यान दिया जाएगा, ताकि युवाओं की जल्दी ही शादी की जा सके |