रामविलास पासवान की जयंती पर भावुक पर हुए चिराग पासवान, कहा- ‘शेर का बेटा हूं, लड़ता रहूंगा’

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने सोमवार को अपने पिता रामविलास पासवान की जयंती पर कहा कि वे एक शेर के बेटे हैं और किसी से नहीं डरेंगे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोग भले ही उन्हें तोड़ने की कोशिश करते रहें लेकिन वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। चिराग पासवान ने पिता की जयंती के मौके पर अपनी मां और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर दिल्ली में ‘पासवान’ नाम से एक किताब भी लॉन्च किया। इसी मौके पर मीडिया से बात करते हुए वे भावुक भी नजर आए

गौरतलब है कि रामविलास पासवान का पिछले साल निधन हो गया था। इसके बाद एलजेपी ने चिराग पासवान के नेतृत्व में बिहार चुनाव लड़ा था। हालांकि पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। इसके बाद पिछले दिनों पार्टी दो फाड़ होती नजर आ रही है। ऐसे में चिराग पासवान के सामने पार्टी पर अपना दावा मजबूत करने की चुनौती है।

हाजीपुर से चिराग करेंगे ‘आशीर्वाद यात्रा’ की शुरुआत :- चिराग पासवान सोमवार से बिहार के हाजीपुर में ‘आशीर्वाद यात्रा’ भी शुरू करने जा रहे हैं। रामविलास पासवान हाजीपुर से लंबे समय तक सांसद रहे हैं। ऐसे में चिराग की यहां से यात्रा की शुरुआत करना ज्यादा समर्थकों को अपने पक्ष में करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

चिराग पासवान ने आशीर्वाद यात्रा को लेकर कहा कि इसका मकसद शक्ति प्रदर्शन नहीं है बल्कि हर जिले में जाकर लोगों से आशीर्वाद लेने का है। उन्होंने कहा, ‘मुझे किसी को अपनी शक्ति नहीं दिखानी है। मेरे अपने लोगों ने मेरे साथ धोखा किया है।’इससे पहले दिल्ली में रामविलास पासवान के घर पर सोमवार सुबह पूजा-पाठ का भी आयोजन किया गया। इस दौरान पार्टी के समर्थकों सहित उनके परिवार के सदस्य मौजूद रहे। चिराग आज ही पटना के लिए रवाना होंगे और फिर हाजीपुर जाएंगे।

इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर रामविलास पासवान को याद किया। इस बीच बताते चलें कि दूसरी तरफ चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस का गुट भी पटना में रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि देगा। ये कार्यक्रम पटना में रखा गया है। पटना में पिछले कुछ दिनों से दोनों गुट में पोस्टर वॉर भी देखा जा रहा है। दोनों गुटों के समर्थक अपने अपने नेता के समर्थन में जगह-जगह पर पोस्टर लगाए हैं। रामविलास पासवान की जयंती के मौके पर लगाये गए पोस्टर बैनर में चाचा-भतीजा की लड़ाई साफ देखी जा सकती है। चिराग गुट के पोस्टर में चाचा गायब हैं तो पारस गुट के पोस्टर में भतीजा नहीं दिख रहे हैं।