लखनऊ पुलिस ने पेश की मानवता की मिसाल

                                                              1- अधिकारी स्वयं पहुंचा रहे हैं दवाइयां
                                                         2- असहाय लोगों को पुलिस खिला रही है खाना

रिपोर्ट :- अमित पांडेय
लखनऊ :- प्रदेश की राजधानी लखनऊ की पुलिस को यूंही मित्र पुलिस की संज्ञा नहीं दी गई है आज जब पूरा देश कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते लॉकडाउन किया जा चुका है ऐसे में लखनऊ पुलिस के अधिकारी मानवता की एक से बढ़कर एक मिसाल पेश कर रहे हैं |

लखनऊ एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा को एक बुजुर्ग व्यक्ति की कॉल आई उधर से उस व्यक्ति ने अपना नाम मुस्ताक बताते हुए अपनी समस्या बताई कि मैं ब्लड प्रेशर का पेशेंट हूं और मेरे पास दवाई खत्म हो गई है इतना सुनते ही एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने सिविल अस्पताल जाकर उस सीनियर सिटीजन व्यक्ति की दवाई अपने पैसों से खरीदी और उनके निवास स्थान जॉपलिंग रोड पर स्थित प्रयाग नारायण अपार्टमेंट पहुंचकर उनको फोन किया| बुजुर्ग वार धीरे कदमों से गेट पर आए एडीसीपी ने पर्चा और दवा का पैकेट उन्हें सौंप दिया और पैसे भी नहीं लिए |बुजुर्ग ने भरी आंखों से हाथ उठाकर उन्हें आशीर्वाद दिया और बोले ,”शुक्रिया”
“मेरे लिए आप किसी फरिश्ते से कम नहीं है” |

इसमें कोई संदेह नहीं कि इसी तरह अधिकारी अगर अपने कामों से मिसाले पेश करते रहे तो उसका असर सारे विभाग पर ही दिखाई देता है|

उधर लखनऊ के ही नाका थाने के इंस्पेक्टर सुजीत कुमार दुबे ने इस लॉक डाउन के दौरान गरीब बेसहारा विकलांग लोगों के लिए सुबह शाम के भोजन का जिम्मा उठा कर एक अच्छी पहल पेश की है| थाना प्रभारी नाका ने 200 गरीब बेसहारा लोगों के लिए लॉक डाउन चलने तक सुबह और शाम के खाने की व्यवस्था कर दी है| उनकी इस कार्य की खूब सराहना हो रही है |साथ ही वह अपने क्षेत्र के लोगों को माइक के जरिए लगातार जागरूक करने का भी काम कर रहे हैं|