लखीमपुर खीरी – तिकुनिया हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों की जमानत 

संवाददाता रजनीश कुमार पाण्डेय
रीडर टाइम्स न्यूज़
– आदेश रद्द होने के बाद गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र और मुख्य आरोपी आशीष मिश्र ने रविवार को छुट्टी के दिन ही सरेंडर कर दिया.
आशीष मिश्रा ने सीजेएम की कोर्ट में पहुंचकर सरेंडर कर दिया. सरेंडर करने के बाद लखीमपुर के सदर कोतवाल की गाड़ी में बैठा कर गुपचुप तरीके से आशीष मिश्रा को जेल लाया गया. जहां पीछे के गेट से जेल में इंट्री हुई. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत आदेश रद्द होने के बाद प्रमुख आरोपी आशीष मिश्र मोनू को एक सप्ताह की मोहलत मिली थी, जो 25 अप्रैल सोमवार को समाप्त हो रही है. उधर, जमानत पर छूटे तिकुनिया हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष की ओर से जिला कोर्ट में डिस्चार्ज ऐप्लीकेशन दी थी. इसमें कहा गया था कि मुकदमा चलने लायक कोई सबूत नहीं हैं .

हाईकोर्ट से ऐसे मिल गई थी जमानत –
इस हाई प्रोफाइल केस में हाईकोर्ट ने जमानत का फैसला कैसे सुना दिया, यह किसी के गले नहीं उतर रहा था. वकील की दलील के बाद हाईकोर्ट ने जो फैसला सुनाया था वह यह था, ‘अभियोजन की दलीलें मान भी लें तो स्पष्ट है कि घटनास्थल पर हजारों प्रदर्शनकारी थे. ऐसे में संभव है कि ड्राइवर ने बचने के लिए गाड़ी भगाई और यह घटना हो गई. याची ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों में कई लोग तलवारें व लाठियां लिए थे. बहस के दौरान कहा गया कि एसआईटी ऐसा कोई साक्ष्य नहीं पेश कर सकी जिससे साबित हो कि गाड़ी चढ़ाने के लिए उकसाया गया. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से आशीष मिश्रा को मिली जमानत के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था

क्या है तिकुनिया हिंसा?-
बीते साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कस्बे में हुई हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार सहित आठ लोगों की जान गई थी. जांच टीम ने सीजेएम अदालत में मामले की जांच पूरी करते हुए 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया था. मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी हैं. उन पर आरोप है जिस थार गाड़ी से किसानों की कुचलकर मौत हुई, उस पर आशीष मिश्रा सवार थे .