‘लॉकडाउन में गरीब-असहाय के लिए मसीहा बनी लायंस क्लब सेवा संस्था,ऐसे कर रही मदद,

संवाददाता राकेश शर्मा

रीडर टाइम्स

लॉकडाउन के पहले फेज में लगभग 20000 भोजन के पैकेट जरूरतमंदों में बांट दिए

एक-एक जरूरतमंद की बनाई गई सूची, लॉकडाउन के दूसरे चरण में उन गरीब असहाय लोगों तक एक बार फिर पहुंचा रहे भोजन के पैकेट

लायंस क्लब सेवा संस्था ने लॉकडाउन के पहले दिन से कर रही जरूरतमंदों की मदद

लालसोट : कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लॉकडाउन घोषित करने के साथ ही लोगों से इस बात का निवेदन किया गया था कि वह इस बात का ख्याल रखें कि आपके शहर में कोई भूखा ना सोए।लायंस क्लब सेवा संस्था ने लॉकडाउन के पहले दिन से जरूरतमंदों, दिहाड़ी मजदूरों और बेसहारा लोगों के बीच अपने हाथों से भोजन तैयार कर भोजन के पैकेट बांटना करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही इस संस्था ने वह कर दिखाया जो किसी ने सोचा नहीं होगा।लायंस क्लब के सदस्यों विजेंद्र साहू,मोंटू बडाया, विष्णु साहू,अशोक पंसारी, जीतू बडाया, सहित समस्त सदस्यों ने शहर के एक-एक वार्ड और गली-गली से जरूरतमंदों को चिन्हित कर उनकी सूची, फोन नम्बर सहित बना डाली।

लॉकडाउन के पहले फेज के पहले दिन ही उतर गए थे ये मैदान में

लायंस क्लब के विजेंद्र साहू ने बताया कि लॉकडाउन के पहले फेज में लगभग 20000 से अधिक भोजन के पैकेट अब तक वितरित किए जा चुके हैं। अब लॉकडाउन के दूसरे चरण में लायंस क्लब फिर से उन लोगों के घरों तक पहुंचकर सभी जरुरतमंदो तक भोजन के पैकेट वितरण कर रही हैं ।लायंस क्लब संस्था के युवा पदाधिकारी जीतू बडाया ने बताया कि असहाय, गरीब, प्रवासी, एवं क्वारंटाइन सेंटरों सहित सीएचसीयो सहित डिमांड पर भोजन के पैकेट सरकारी क्वारंटाइन सेंटरों पर रोजाना 30-30 पैकेट भेजे जा रहे है।लॉकडाउन के पहले फेज में करीब 20000 भोजन के पैकेट लालसोट शहर भर में उन्होंने वितरित कर दिए हैं।

संस्था का दावा- अबतक लाखों रुपये खर्च कर चुके हैं

शुरुआत में संस्था के सभी सदस्यों ने खुद की जेब से धन संग्रह कर इस काम को शुरू किया था। लेकिन जैसे-जैसे काम बढ़ता गया, लोगों से एवं भामाशाहों से सहायता भी लेनी शुरू कर दी। संस्था के विजेंद्र साहू ने जानकारी देते हुए कहा अब तक लायंस क्लब को भामाशाहों के द्वारा आटे के कट्टे एवं तेल के टीन जैसी सहयोग प्राप्त हुआ है वही साहू ने कहा कि प्रशासनिक मार्ग दर्शन के अलावा कोई सहयोग प्रशासनिक व प्रशासनिक अधिकारियों का सहयोग नहीं है।