वोडाफोन के नए CEO निक रीड, विटोरियो कोलाओ ने पद छोड़ने का किया ऐलान

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वोडाफोन ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विटोरियो कोलाओ सितंबर तक पद छोड़ देंगे | कोलाओ को जुलाई, 2008 में ब्रिटेन के इस ग्रुप का सीईओ नियुक्त किया गया था। वोडाफोन ने बयान में कहा कि एक अक्टूबर, 2018 से ग्रुप के सीएफओ निक रीड, कोलाओ का स्थान लेंगे। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान वोडाफोन इंडिया का संचालन मुनाफा 9,805 करोड़ रुपये रहा है। टेलिकॉम कंपनी को लोकल और इंटरनेशनल इंटरकनेक्ट रेट में कटौती और प्राइस वॉर से बहुत नुकसान हुआ है।

उनकी नियुक्ति भारत में वोडाफोन ब्रांड को पेश किए जाने के करीब एक साल बाद हुई थी। वह भारतीय कारोबार पर भी नजदीकी से नजर रखते रहे हैं। कोलाओ ने मंगलवार की अर्निंग कॉल में कहा कि दोनों कंपनियों ने नई फर्म के लिए ज्वाइंट ब्रांडिंग का काम शुरू कर दिया है। इस फैसले को लेकर कोलाओ ने कहा कि करीब एक दशक तक जिम्मेदारी संभालने के बाद यह एक मुश्किल फैसला है। कोलाओ के मुताबिक, किसी ऐसी कंपनी के सीईओ पद को छोड़ना उस स्थिति में काफी कठिन फैसला हो जाता है, जब आप उससे 10 साल से जुड़े हों, वोडाफोन ने बयान में कहा कि एक अक्तूबर, 2018 से समूह के मुख्य वित्त अधिकारी निक रीड कोलाओ का स्थान लेंगे।

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पिछले महीने ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन और भारती एयरटेल मर्जर से बनने वाली टावर कंपनी इंडस टावर्स को मिलकर चलाने की योजना का एलान किया था। इसमें दोनों कंपनियों की बराबर हिस्सेदारी होगी और बोर्ड में बराबर प्रतिनिधित्व होगा। टावर बिजनेस का मर्जर अगले साल मार्च तक पूरा हो जाने का अनुमान है। वोडाफोन इंडिया को पिछले साल मार्च क्वॉर्टर में 137.9 करोड़ यूरो (~10,547 करोड़) का रेवेन्यू हासिल हुआ था जबकि दिसंबर क्वॉर्टर में कंपनी ने 106.3 करोड़ यूरो (~8,580 करोड़) की कमाई की थी। कंपनी का सर्विस रेवेन्यू सालाना आधार पर 18.9% गिरकर 34,855 करोड़ रुपये रह गया जबकि इबिट्डा में 34% गिरावट आई और इबिट्डा मार्जिन 27.3% से घटकर 22.1% रह गया।