“शिक्षक दिवस” पर सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को करे नमन ,

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
आज देशभर में स्कूल-कॉलेजों में टीचर्स डे मनाया जा रहा है। शिक्षकों के सम्मान में हर साल 5 सितंबर को ‘टीचर्स डे’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हर स्टूडेंट अपने टीचर्स को उनके गाइडेंस, मेहनत और प्यार के लिए थैंक यू बोलते हैं। शिक्षक और छात्र के बीच प्यार और सम्मान का परिचय देने वाला यह दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जयंती के दिन मनाया जाता है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति , विद्वान , दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमला में हुआ था। उन्हीं की याद में इस तारीख को हम टीचर्स डे के रूप में सेलिब्रेट करते हैं।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्षों से अधिक समय शिक्षण कार्य में लगाया। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का हमेशा से मानना था कि शिक्षा के प्रति सभी को समर्पित रहना चाहिए। निरंतर सीखने की प्रवृत्ति बनी रहनी चाहिए।जिस व्यक्ति के पास ज्ञान और कौशल दोनों हैं। उसके सामने हमेशा कोई न कोई मार्ग खुला रहता है। इस खास दिन आइए जानते हैं। वो कौन सी बातें हैं जिसका अहसास हर बच्चे को होना चाहिए।

हर बच्चे को पता होनी चाहिए टीचर्स डे से जुड़ी ये बातें –
– 5 सितंबर को मनाया जाता है शिक्षक दिवस-
– भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को उनके दोस्त और पूर्व छात्र धूमधाम से मनाना चाहते थे लेकिन जब यह बात सर्वपल्ली कृष्णन को पता चली तो उन्होंने उनसे अपील करते हुए कहा कि आप लोग मेरा जन्मदिन मत मनाओ, अगर इस दिन को मनाना ही है तो शिक्षकों का सम्मान करें। तभी से शिक्षक दिवस की शुरुआत हुई।

शिक्षक दिवस का महत्व –
5 सितंबर, 1888 में डॉ. राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। वे विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित भी थे। उन्होंने हमेशा शिक्षकों के सम्मान पर जोर दिया। उनका कहना था कि समाज को सही दिशा देने का काम शिक्षक ही कर सकता है। लेकिन उस शिक्षक की अनदेखी ठीक नहीं। इसलिए उनका भी एक दिन होना चाहिए, जब उनका सम्मान, आदर हो और समाज में उनके योगदार को याद किया जाए। इसी उद्देश्य के साथ इस दिन को मनाया जाता है।