‘श्रम राज्य मंत्री ने अलवर जंक्शन से श्रमिक स्पेशल ट्रैन को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना,

ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज

रीडर टाइम्स

जयपुर: गया बिहार के लिए अलवर जंक्शन से श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुरूवार को  दोपहर 3:25 बजे जब रवाना हुई तो घर पहुंचने की ललक में कर्मवीर खुशी से झूम उठे। ताली बजाकर प्रवासी श्रमिकों को विदा किया गया तो वे भी थैंक्यू की करतल ध्वनि से खिल उठे।

हरी झण्डी दिखाकर किया ट्रैन को रवाना

श्रम, राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस निःशुल्क स्पेशल ट्रेन से जिले से एक हजार 440 प्रवासी श्रमिक गया बिहार के लिए आज दोपहर 3:25 बजे रवाना हुए। इस अवसर पर श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व में राजस्थान कोरोना संक्रमण से मजबूती से लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों के प्रति संवेदनशील रहकर कार्य कर रही है जिसके तहत प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए स्पेशल ट्रेन एवं बसों की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि अलवर जिले से प्रवासी कामकारों को ट्रेनो के द्वारा निःशुल्क उनके राज्य में भेजने का शुभारम्भ हुआ है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर पूरी कवायद त्वरित गति से की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के दूरदर्शितापूर्ण निर्णयों एवं प्रबंधन की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी तारीफ की है। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा श्रमिकों के लिए की गई भोजन व पानी की व्यवस्था की सराहना की। श्री जूली ने यात्रियों से व्यवस्थाओं के बारे में बातचीत कर जानकारी ली जिसमें सभी यात्रियों ने अच्छी व्यवस्थाओं को सराहा।

कठिन चुनौती, बेहतर समन्वय

जिले में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक कारखानों में काम करके अपना जीवनयापन कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के तहत लॉकडाउन के दौरान इनमें से बड़ी संख्या में श्रमिकों ने अपने मूल राज्य में जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है जिसके तहत जिले से आज दोपहर 3ः25 बजे पहली रेलगाड़ी नम्बर 9773 गया बिहार के श्रमिकों के लिए रवाना की गई जिसमें 1440 श्रमिकों को रवाना किया गया तथा इसके पश्चात सांय 5 बजे सीवान बिहार के लिए 1440 श्रमिकों को स्पेशल ट्रेन द्वारा रवाना की गई। जिला कलक्टर इन्द्रजीत सिंह के कुशल नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा इन श्रमिकों की जिस प्रकार बेहतर समन्वय से रवानगी की है वह अपने आपमें एक कठिन चुनौती थी। इन सभी व्यवस्थाओं के ओवर ऑल इंचार्ज भूप्रबंधन अधिकारी कमलराम मीना को बनाया गया था जिन्होंने अलवर रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों की रवानगी के लिए समुचित व्यवस्थाऎं जुटाने का कार्य गुरूवार देर रात्रि को कर दिया था। रेलवे स्टेशन एवं स्टेशन रोड पर सोशल डिस्टेंसिंग, स्क्रीनिंग, भोजन, पानी की बोतल, सैनिटाइजर एवं मास्क मुहैया कराने के लिए पुख्ता इंतजाम किए। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस, रेलवे पुलिस, आरपीएफ, होमगार्ड के जवानों का पर्याप्त मात्रा में जाप्ता तैनात किया गया। सामाजिक संगठनों, स्काउट एंड गाइड ने भी प्रवासी श्रमिकों को भोजन एवं पेयजल उपलब्ध कराने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग में भी अपनी भूमिका निभाई।

पंजीकृत यात्रियों की स्क्रीनिंग कर दिया प्रवेश

अलवर रेलवे स्टेशन पर पूर्व में पंजीकृत श्रमिकों को प्रवेश दिया गया। प्रवेश से पूर्व मेडिकल टीम द्वारा प्रत्येक यात्री की स्क्रीनिंग की गई। बिना मास्क आए हुए यात्रियों को मास्क दिए गए साथ ही सैनिटाइजर से उनके हाथों को सैनिटाइज किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया। यात्रियों को पूर्व में कोच व सीट नम्बर आवंटित कर दिए गए थे जिसके अनुरूप ही उनको टे्रन में बैठाया गया। इस व्यवस्था के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात था ताकि यात्रियों को उनके वास्तविक डिब्बों में बैठाया जा सके।

 रेलवे स्टेशन को किया सैनिटाइज

यात्रियों के रेलगाडी में प्रवेश से पूर्व पूरी रेलगाडी को सैनिटाइज किया गया तथा रेलगाडी के रवाना होने के पश्चात पूरे रेलवे स्टेशन विशेष रूप से प्लेटफॉर्म को सैनिटाइज किया गया।

प्रवासी श्रमिकों के चेहरे पर दिखी खुशी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण जिले में फंसे प्रवासी श्रमिक जब जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई बसों के द्वारा अलवर रेलवे स्टेशन लाए गए तब उन्होंने स्पेशल ट्रेन को देखा तो उनके चेहरे पर घर पहुंचने की खुशी देखते ही बन रही थी। बिहार निवासी यात्री मोहम्मद नोसाद आलम व उसके परिवार ने राज्य सरकार व रेलवे द्वारा ट्रेन द्वारा श्रमिकों को घर भिजवाने की व्यवस्था का तहे दिल से आभार जताया। रेलवे स्टेशन पर छह माह की बच्ची को गोद में लिए मजदूरी करने वाली मीरा देवी ने जिला प्रशासन को तहे दिल से धन्यवाद करते हुए कहा कि ट्रेन के द्वारा अपने घर वापसी का यह सफर हमेशा यादगार रहेगा। पिछले कुछ दिनों को पूरा परिवार गया बिहार जाने के लिए तरस रहा था। प्रशासन ने खाने-पीने की व्यवस्था के साथ हमें पहुंचाने का बीड़ा उठाया है इसके लिए हम सरकार के आभारी है। वहीं भिवाड़ी में काम करने वाले सुरेश, प्रभुदयाल, महावीर व सुनीता देवी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद से जिन्दगी में बड़ा परिवर्तन आया है ऎसे में अपने परिवार के पास जाने की सहज व्यवस्था किसी वरदान से कम नहीं है।

भूप्रबंधक अधिकारी व स्पेशल ट्रेन प्रभारी कमलराम मीना ने बताया कि गया बिहार जाने के लिए जो पहली टैन गई वह जिसमें 18 स्लीपर कोच, चार सामान्य कोच, दो एसएलआरटी कोच। उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति 520 किराया कुल 7 लाख 48 हजार 800 जमा किए गए हैं ये सभी राशि रेलवे व राज्य सरकार द्वारा वहन की गई है।