संध्या काल के समय पूजा में न करे ये गलतिया : वरना संपत्ति से हो जाएगे कंगाल

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. इसमें दिन की शुरुआत से लेकर शाम और रात तक में भगवान की आराधना करने के लिए खास नियम और उनसे होने वाले फायदों के बारे में बताया गया है. कई लोग हर रोज पूजा करते हैं. वे मंदिर जाते हैं या घर में बने पूजा घर में ही पूजा करते हैं. पूजा-पाठ करने से मन को शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि रहती है. लेकिन रोजाना सुबह – शाम पूजा करने वाले कई लोग भी यह बात नहीं जानते हैं कि दोनों समय की पूजा में कुछ अंतर होता है।

शाम की पूजा के लिए होते हैं अलग नियम :
शाम के समय पूजा करने के लिए कुछ खास नियम हैं , जिनका पालन जरूर करना चाहिए. यदि वे शाम के समय की पूजा में ऐसी गलतियां कर रहे हैं , जिन्‍हें वर्जित माना गया है तो उन्‍हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसे में शाम की पूजा के नियमों को जरूर जान लेना चाहिए.

शाम की पूजा में न करें ये गलतियां :
आमतौर पर हर देवी-देवता के प्रिय फूल धर्म – शास्‍त्रों में बताए गए हैं. उनकी पूजा करते समय उनके प्रिय फूल अर्पित करने से वे जल्‍दी प्रसन्‍न होते हैं. लेकिन शाम की पूजा में ना तो भगवान को फूल अर्पित करें और ना ही शाम को फूल तोड़ें. इसके अलावा शाम को कभी भी तुलसी के पत्‍ते भी न तोड़ें. बल्कि शास्‍त्रों में सूर्यास्‍त के बाद तुलसी को छूने से भी मना किया गया है. वरना ऐसा करना कई मुसीबतों का सबब बन सकता है.

शाम के समय किसी भी देवी – देवता की आराधना कर सकते हैं लेकिन सूर्य देव की पूजा-अर्चना शाम को गलती से भी न करें. उनकी पूजा हमेशा सूर्योदय से लेकर सूर्योस्‍त होने से कुछ घंटे पहले तक ही करें. शाम या रात को सूर्य देव की पूजा करना जीवन में संकट, हानि लाता है.
शाम की पूजा में कभी भी घंटी और शंख नहीं बजाना चाहिए. माना जाता है कि सूर्यास्‍त के बाद देवी-देवता सोने चले जाते हैं. ऐसे में शंख या घंटी बजाने से उनके आराम में खलल पड़ सकता है.