स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी के कुछ अनजाने सच

स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी स्वतंत्रता का प्रतीक   है। फ्रांस के लोगो ने इसको1986 में अमेरिका को उपहार में दिया था।  यह अमेरिका व फ्रांस की दोस्ती का भी प्रतिक है। मूलतः स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी की प्रतिमा ताम्बे की बनी हुई है। यह अमेरिका में न्यूयॉर्क हार्बर के न्यूयॉर्क शहर में लिबर्टी आइलैंड पर स्थित है। इस प्रतिमा के चारो और एक शानदार बगीचा है।

कैसे बना स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी ?

000S

अमेरिका अपनी स्वतंत्रता का शतक का जश्न मना रहा था। उस जश्न में उसके मित्र देश के प्रतिनिधियों ने स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी उपहार में देने की पेशकश की। यह सांकेतिक रूप से आजादी के प्रतिक की प्रतिमा थी। लेकिन ऐसा कहा जाता है की अमेरिका ने इसे लेने के लिए पुरी तरह से हाँ नहीं कहा। एवं वह हिचकिचाता रहा। उस समय इसमे करीब एक लाख डॉलर खर्च आने की संभावना थी। फ़्रांस इसको बनाकर अमेरिका को देने वाला था। यह फ़्रांस के मूर्तिकार फ्रेडरिक ऑगस्ट बर्थोल्डी द्वारा बनाई गई थी।अंततः इसको बनाने का कार्य शुरू तो कर दिया लेकिन बीच में ही इसे बनाना बंद करना पड़ा। तथा यह निर्माण लम्बे समय तक बंद रहा। संभवतया यह पैसे की कमी के कारण बंद रहा। फ्रांस में न्यूयॉर्क के गवर्नर भी इससे घबरा गए थे। कई अखबारों ने इस पर कई टिप्पणियाँ की थी। कई ने बने हुए टुकड़ो को बेच कर पैसे अर्जित करने की सलाह दी। कई समय तक इस मूर्ति के बने हुए अंश यु ही पड़े रहे। कुछ अंश को यहाँ होने वाले मेलो व प्रदर्शनियों में रखा गया था।लेकिन उसके बाद एक पत्रिका न्यू योर्क वर्ल्ड के प्रकाशक जोसेफ पुलित्जर ने इस अधूरे निर्माण को पूरा करने के लिए एक नई पहल की। उन्होंने एक सार्वजनिक कोष की स्थापना की। इस कोष में कोई भी व्यक्ति पैसा जमा करवा सकता था। इसमे कुछ ही दिनों में कई लाख डॉलर जमा हो गए। इसके बाद निर्माण कार्य वापस शुरू किया गया। एवं मिर्माण को पूरा किया गया। उस समय इसके निर्माण में करीब ढाई लाख डॉलर का खर्च आया था।

इसके तैयार होने पर इसे 1985 में इसे फ्रांस से अमेरिका लाया गया। स्टेचू को इसके हिस्सों में 214 बक्शो में बंद कर इसरो जहाज में लाया गया था। अमेरिका में इसे बेडलॉज नाम के एक टापू पर स्थापित किया गया। इस बेडलॉज टापू का नाम 4 जुलाई 1886 में बदल कर लिबर्टी आइलैंड रख दिया गया।स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी एक पोशाक धारी औरत की प्रतिमा है। यह औरत रोमन देवी लिबर्टस का प्रतिनिधित्व करती है। यह एक हाथ में मशाल तथा दूसरे हाथ में एक पुस्तक पकडे हुए है। यह पुस्तक तबूला अंतस हे जिसे कानून को पुकारने वाली पुस्तक कहते है। यह पस्तक अमेरिका की आजादी 4 जुलाई 1976 को बताती है। स्टेचू के पेरो में टूटी हुई चेन है। तथा इसके सर पर भाले लगा हुआ ताज है।स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी की प्रतिमा 151 फिट लम्बी है। इसके आधार सहित यह 305 फिट लम्बी है। इसका वजन साढ़े चार लाख पोंड है। यह पूरी प्रतिमा ताम्बे की मोती चद्दर से बनी हुई है। इस ताम्बे की चद्दर की मोटाई साढ़े तीन इंच है। इस स्टेचू में 354 सीढिया है। प्रतिमा का एक ऊपर उठाये हुए दाहिने हाथ की लम्बाई 42 फिट है। इस हाथ द्वारा पकड़ी गई मशाल की लम्बाई 29.2 फिट है। स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी के बाये हाथ में एक पुस्तक है जिसकी लम्बाई २३ फिट है।