हरदोई के प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट “मिर्चा राम स्वीट हाउस” के खाने में मरी हुई निकली “मधुमक्खी” ग्राहकों में मचा हड़कंप

शिवधीश त्रिपाठी
रीडर टाइम्स न्यूज
हरदोई / बताते चलें ताजा मामला हरदोई जिले के प्रतिष्ठित मिष्ठान भंडार एवं रेस्टोरेंट मिर्चाराम स्वीट्स का है . जब आज तीन ग्राहकों ने खाने में मसाला डोसा ऑर्डर किया तो जैसे ही प्लेट उनके सामने आई और उन्होंने बड़े चाव के साथ डोसा खाना शुरू किया आधा डोसा खाने के बाद जब एक ग्राहक के सांबर में मरी हुई मधुमक्खी निकली तो सभी ग्राहकों में हड़कंप मच गया . साथ में बैठे दो लोगों ने भी जब अपने डोसे को बारीकी से चेक किया तो एक के भी मसाला डोसा के अंदर मरी हुई मकड़ी निकली इससे दोनों ग्राहकों का मूड खराब हो गया तत्काल उन्होंने इसकी शिकायत वह खाना खिला रहे कर्मचारियों से की तो उन्होंने कहा ठीक है सर मैं अभी बात करता हूं और अपना मोबाइल लेकर आए उसकी फोटो खींचने लगे डोसे के अंदर मरे हुए कीड़े मकोड़ों की फोटो खींचकर उन्होंने अपने मैनेजर को दिखायी . बात जब मैनेजर तक पहुंची तो उन्होंने ग्राहक को आश्वासन दिया वह अभी इस फोटो को खींच कर अपने मालिक को भेजेंगे और तत्काल आपके लिए दूसरे डोसे की व्यवस्था की जाएगी परंतु ग्राहक ने खाने से मना कर दिया  . क्योंकि दोनों का मन खराब हो चुका था एवं पलटी होने की नौबत आ चुकी थी . बात बढ़ती हुई देखकर आनन-फानन में मैनेजर ने मिल्क बादाम ग्राहक के सामने पेश की तो ग्राहक ने उनसे कड़े अंदाज में इसका विरोध दर्ज कराया मैनेजर ने जो जवाब दिया वहां बैठे लोग सुनकर सन्न रह गये उसने बताया सर हम लोग खुद ही परेशान हैं . पता नहीं किचन में कैसे यह स्टाफ खाना एवं फास्ट फूड बनाता है . कई ग्राहकों के खाने में कीड़े मकोड़े निकल आते हैं. हम लोग खुद ही बहुत परेशान हैं .

आपको बताते चलें अभी कुछ महीने पहले ही इनके यहां खाने में एक मरी हुई “छिपकली” निकल आई थी . जिससे पूरे शहर में हड़कंप मच गया था . उसके बावजूद भी इन लोगों ने कोई सुधार करने की कोशिश नहीं की वह तो भला रहा कि इनके पड़ोस में कुछ दिन पहले एक और स्वीट हाउस खुल गया जिसमें बैठकर खाने पीने की व्यवस्था की गई थी . उसके कंपटीशन में ही इन्होंने कम से कम कुर्सियों की व्यवस्था तो ग्राहकों के लिए कर दी . मगर आज भी ग्राहक को अपने लिए स्वयं प्लेट लेकर टेबल तक जाना पड़ता है . फिर चाहे वह अपने परिवार एवं बच्चों के साथ ही क्यों ना हो उसको पानी तक सर्विस में नहीं दिया जाता है . शहर के इकलौते प्रतिष्ठान जो कि अपने पूर्वजों के दम पर फेमस हो चुका है . आज सिर्फ पैसा कमाने में ही व्यस्त है. ग्राहक की सुख-सुविधाओं एवं अच्छे व साफ-सुथरे भोजन एवं फास्ट फूड देने की कभी कोशिश नहीं की जाती है . जबकि इनके खाने के पदार्थों के रेट दिनों – दिन महंगाई के आसमान छू रहे और जनता को सिर्फ लूटने का काम किया जा रहा है . अब देखना यह है की जनता के हित में फूड इंस्पेक्टर व जिला प्रशासन इसके खिलाफ क्या एक्शन लेते हैं या सिर्फ उन गरीब एवं कमजोर ठेला लगाने वालों के लिए ही नियम कानून बनाए गए हैं . जो दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करते रहते हैं .