लो आ गया मटकामैन

आपने सुपरमैन , आयरनमैन ,स्पाइडरमैन के बारे में तो सुना  होगा , पर क्या आप मटकामैन के बारे में भी जानते है . ये मटकामैन दिल्ली में रहते है .  इन मटकामैन का असली नाम अलग नटराजन है . अलग नटराजन दिल्ली के पंचशील पार्क में रहते हैं . इस नेक काम में वो सुबह 4:30 से ही लग जाते हैं .  70 से ज्यादा मटकों में पीने का पानी भरकर ये दक्षिण दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में ले जाकर रखते हैं, ताकि जरूरतमंद प्यासों को पीने का स्वच्छ और शीतल पानी नसीब हो सके.

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लोगों को निःशुल्क पानी की व्यवस्था करने के कारण लोग उन्हें ‘ मटकामैन ’ के नाम से बुलाते हैं.  68 साल के नटराजन एक रिटायर्ड इंजीनियर हैं. उन्होंने लंदन में इंजीनियर के तौर पर 32 सालों तक काम किया है.  साल 2005 में वो रिटायर होकर वापस अपने वतन भारत लौटे. कैंसर को सफलतापूर्वक मात देने के बाद नटराजन के मन में समाजसेवा की भावना पैदा हुई . उन्होंने कैंसर अस्पताल में अपनी सेवाएं दी. इसके अलावा नटराजन परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए गरीबों की यथासंभव मदद करते हैं.

उन्हें प्यासों को पानी पिलाकर समाज के लिए कुछ अच्छा काम करने का विचार आया. उसके बाद उन्होंने मटके खरीदे और चल पड़े . प्यासों की प्यास बुझाने. वो हर दिन मटका स्टैंड के करीब 4 बार चक्कर लगाते हैं, ताकि कोई भी मटका खाली न रह जाए.  इसके अलावा हर मटके पर उनका फोन नंबर लिखा हुआ है. अगर आपको कोई मटका खाली मिलता है तो आप दिए गए नंबर पर फोन करने इसकी सूचना दे सकते हैं. सूचना मिलने के बाद वो खाली मटकों को तुरंत भरवाते हैं.