कनाडा के टोरंटो में फायरिंग से पंजाब में दहसत, 2 लोगो की मौत और 13 घायल

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टोरंटो: कनाडा में टोरंटो के पास ग्रीकटाउन में राहगीरों पर गोलीबारी करने वाले 29 वर्षीय शख्स के परिजन का कहना है कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त था | इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई थी और 13 अन्य लोग घायल हुए थे | पुलिस ने घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों से अपील की है कि वह इस गोलीकांड के बारे में कोई भी जानकारी होने पर तुरंत उसे बताएं. बताया जा रहा है कि यह हमला एक रेस्टोरेंट के बाहर हुआ, जहां कुछ लोग बर्थडे पार्टी मना रहे थे | पुलिस ने बंदूकधारी की पहचान फैजल हुसैन के तौर पर की है |

 

 

हुसैन के परिवार ने ‘ सीबीसी न्यूज ’ को दिए एक साक्षात्कार में उसके ‘‘ भयानक कृत्य ’’ की निंदा करते हुए कहा कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त था | परिवार ने कहा , ‘‘ हमारे बेटे को गंभीर मानसिक बीमारी थी और वह अपनी पूरी जिंदगी मनोविकार और अवसाद से जूझता रहा’’ | उन्होंने कहा कि इलाज के बाद भी वह ठीक नहीं हो पाया | पिछले हफ्ते ही टोरंटो पुलिस ने शहर में बंदूक से जुड़ी हिंसक घटनाओं में हो रही वृद्धि से निपटने के लिए बड़ी संख्या में अतिरिक्त अधिकारियों की तैनाती की थी |

 

 

प्रत्यक्षदर्शी महिला जोडी स्टेनहॉयर ने बताया कि इस घटना के वक्त वह अपने परिवार के साथ डेनफोर्थ एवेन्यू स्थित एक रेस्टोरेंट में थी। उन्होंने 10-15 बार पटाखे चलने जैसी आवाज सुनी। वह रेस्टोरेंट के पिछले हिस्से की तरफ जाकर छिप गई। काफी लोग मेरे सामने से डरकर इधर-उधर भाग रहे थे।

 

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पंजाब को मिनी कनाडा कहा जाता है। वहां काफी संख्या में पंजाबी बसे हुए हैं, जिनमें दोआबा क्षेत्र से ज्यादा है। पंजाबी वहां की मुख्य बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। पंजाबी को कनाडा की दूसरी भाषा दर्जा प्राप्‍त है। वहां की सरकार में भी कई मंत्री पंजाबी हैं। कनाडा में काफी आबादी सिख लोगों की है। जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक 2016 में कनाडा की कुल आबादी में अल्पसंख्यक 22.3 फ़ीसद सिख थे। वहीं 1981 में अल्पसंख्यक कनाडा की कुल आबादी में महज 4.7 फ़ीसद ही सिख थे। जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार 2036 तक कनाडा की कुल आबादी में अल्पसंख्यक 33 फ़ीसद हो जाएंगे।

 

 

टोरांटो के डॉनफोर्थ एवेन्यू में रविवार रात को हुई गोलीबारी की घटना ने पंजाब आए एनआरआइज को विचलित कर दिया है। जैसे ही उनको गोलीबारी की सूचना मिली, सभी ने अपने परिजनों और रिश्तेदारों को फोन कर हाल जानना शुरू किया। उनके सुरक्षित होने पर लाेगों ने राहत की सांस ली।

 

 

एनआरआइ सभा के पूर्व प्रधान कमलजीत सिंह हेयर का कहना है कि उनके कई रिश्तेदार कनाडा में रहते हैं। वह अक्सर कनाडा जाते रहते हैं। जैसे की टोरांटो में गोली चलने की सूचना मिली, सबसे पहले अपने रिश्तेदारों को फोन करके हाल चाल जाना। डॉनफोर्ड एवेन्यू, जहां पर गोलीबारी हुई, आस पास काफी पंजाबी रहते हैं, लेकिन राहत की बात है कि किसी पंजाबी के घायल या हताहत होने की सूचना नहीं है। हेयर का कहना है कि कनाडा सरकार पंजाबियों का पूरा ख्याल रख रही है, कई बार कुछ सिरफिरे लोग ऐसी घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। यह घटना भी उसी तरह की है।

 

 

एनआरआइ जसबीर सिंह कहते हैं कि कनाडा ही नहीं, अमेरिका, इंग्लैंड सहित अन्य यूरोप के देशों में ऐसी घटनाएं जब भी होती हैं तो एनआरआइ और उनके परिजनों में भय का माहौल बन जाता है। कई बेकूसर लोग ऐसी घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। राहत की बात है कि टोरांटो पुलिस ने इस घटना को अंजाम देने वाले को मार डाला है। हमारे लिए राहत की बात है कि कोई पंजाबी इसमें घायल नहीं हुआ।

 

 

कनाडा सरकार पंजाबियों के मेहनत और जज्बे को देखते हुए उनको काम के ज्यादा से ज्यादा मौके दे रहे हैं। ऐसे में जब इस तरह की घटनाएं होती हैं तो चिंता तो होती ही है। फिर भी जब ऐसी घटनाओं के बारे में पता चलता है तो पंजाब में परिजनों और रिश्तेदारों की चिंता बढ़ जाती है। उनका कहना है कि उनकी कनाडा में रिश्तेदारों के साथ बातचीत हुई है, सभी पंजाबी सुरक्षित हैं और वहां की सरकार घटना को लेकर पूरी तरह गंभीर है। यही कारण है कि हमला करने वाले को पुलिस मार गिराया।