भाजपा जिलाध्यक्ष के करीबी के कारण पीड़ित आत्महत्या करने पर मजबूर

रिपोर्ट शरद द्विवेदी

हरदोई : आज का प्रकरण बेहद ही शर्मनाक है कि कैसे एक सत्ताधीशो के करीबी ने एक गरीब लाचार को आज मरने पर मजबूर कर दिया और जब उस लाचार पीड़ित ने जिलाधिकारी से शिकायत की तो सत्ता के दवाब में कोई कार्यवाही नही हुई क्या यही भाजपा सरकार की सबका साथ सबका विकास की नीति है।
दरअसल बावन के निवासी रहीस पुत्र अनिसुद्दीन ने भाजपा जिलाध्यक्ष के बेहद ही करीबी बावन निवासी मुज्जफर पर आरोप लगाया है सैयद मुज्जफर व उसके भाई सैयद जमा ने बावन व मल्लावा की गौशालाओं में 1600 कुन्तल भूसे की आपूर्ति 550 रुपये प्रति कुन्तल के हिसाब से करा ली थी लेकिन उसका पैसा नही दिया है और जो पांच लाख रुपये की चेक फर्म मालिक से प्राप्त हुई थी वो भी बाउंस हो गई है जिसका केस न्यायलय में लंबित है आपको बताते चले कि गौशालाओ में भूसे की आपूर्ति का टेंडर शिव इंटरप्राइजेज का हुआ था पीड़ित रहीस के कथनानुसार मुज्जफर के भाई सैयद जमा इस फर्म में पार्टनर है व इस फर्म के बैंक खाते में भी सैयद जमा सह खातेदार के रूप में सम्मलित है।
पीड़ित रहीस ने बताया कि उसने अपना दर्द भाजपा के कई पदाधिकारी से कहा लेकिन सुनवाई नही हुई संबंधित थाने भी गया लेकिन यह कह कर उसे टाल दिया गया कि तुम कोर्ट की शरण मे जाओ व कई बार मुजफ्फर व सैयद जमा से कहा लेकिन पैसा नही मिला जब उसने शिव इंटरप्राइजेज फर्म के मालिक मालिखान से बात की तो उन्होंने अवगत कराया कि हरदोई के सभी पेमेंट मुजफ्फर व उनके भाई सैयद जमा को किये जा चुके है उनसे अपना हिसाब कर लो।जब मुजफ्फर से पेमेंट माँगा तो उन्होंने पहले तो कहा कि चेक क्लीयर हो जाये तब पेमेंट कर देंगे बाद में धमकी देने लगे।आज कई महीने बीत जाने के बाद भी उसका पेमेंट नही किया गया है
पीड़ित ने आरोप लगाया है कि मुजफ्फर भाजपा जिलाध्यक्ष का करीबी है इस कारण कही सुनवाई नही हो रही है।भाजपा जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्र नीरज से कई बार मिलने का प्रयास किया लेकिन मुलाकात नही हो पाई है।इस कारण उसने रीडर टाइम्स को अपनी पीड़ा बताई व भाजपा जिलाध्यक्ष से अनुरोध किया है कि भाजपा जिलाध्यक्ष अपने नजदीकी से उसका पैसा दिलवाए।
संबंधित तस्बीर खुद इस बात की गवाही दे रही है कि सैयद मुजफ्फर से भाजपा जिलाध्यक्ष से व सत्ताधीशो से कितनी नजदीकियां है वही दूसरी ओर भाजपा जिलाध्यक्ष व अन्य भाजपा के पदाधिकारियों की इस कृत्य में संलिप्तता है इस बात का भी कोई प्रमाण नही है।लेकिन कही न कही सैयद मुजफ्फर जैसे लोग भाजपा जिलाध्यक्ष व अन्य सत्ताधीशो से नजदीकी होने के कारण गलत फायदा उठा रहे है।जब इस प्रकरण के बारे में मुजफ्फर से बात करने के लिए फोन किया गया तो नम्बर बन्द पाया गया शिव इंटरप्राइजेज के भी दोनो नम्बर बन्द पाए गए व सैयद जमा से बात की गई तो उन्होंने यह कहते हुए फोन काट दिया कि आप रहीस से ही बात करो और फोन काट दिया।जिससे प्रतीत होता है कि इन लोगो ने भाजपा जिलाध्यक्ष की नजदीकियों की आड़ में एक गरीब का पैसा मार लिया है जो आज आत्महत्या करने को मजबूर है।
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि एक पीड़ित के दर्द को भाजपा जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्र नीरज सार्वजनिक होने पर दूर करेगे या यू ही किसी रिक्शेवाले को चप्पल पहनाते हुए,किसी को खाना खिलाते हुए की तस्बीर खिंचवा कर फर्जी जनता के हमदर्द का दिखावा कर वाहवाही लूटते रहेंगे।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जिलाधिकारी ने किसके दवाब में पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही क्यो नही की और तमाम भाजपा के छोटे बड़े पदाधिकारियों को रहीश द्वारा अपना दर्द बताया गया तो पीड़ित की आवाज भाजपा जिलाध्यक्ष तक क्यो नही पहुँची यह सबसे बड़ा सवाल है।
अब जब पीड़ित की समस्या सार्वजनिक हो चुकी है तब क्या भाजपा जिलाध्यक्ष पीड़ित का पैसा दिलाएंगे या पैसा न देने की दशा में कोई कार्यवाही भी अपने करीबी पर कराएंगे यह बात आने वाला समय ही बताएगा।
अपनी निष्पक्ष कार्यशैली के अनुरूप क्या भाजपा जिलाध्यक्ष पीड़ित का पैसा अपने नजदीकी से दिला पाएंगे या नही , या यूं ही सत्ता के करीबी जनता का शोषण करते रहेंगे यह सबसे बड़ा सवाल है?