OT में नहीं मिले डॉक्टर , छापेमारी में मिली बीयर की बोतलें, लखनऊ के 29 हॉस्पिटलों की खुली पोल

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
जहां एक तरफ कोरोना की सुधरती हुई स्थिति को और अधिक सँभालने की जरुरत हैं। वही दूसरी ओर कुछ ऐसे भी हॉस्पिटल हैं जिनकी लापरवाही सामने आ रही हैं। यूपी सरकार के उठाए गए कदमो से इस वक्त की बड़ी खबर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सामने आ रही है। यहां लखनऊ जिला प्रशासन और सीएमओ द्वारा एक साथ 45 निजी अस्पतालों पर छापेमारी की। जिसमे छापेमारी के दौरान बड़े खेल का खुलासा हुआ। दरअसल, छापेमारी के दौरान किसी अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं मिले। तो किसी अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में दवा की जगह बीयर की बोतलें मिली। ज्यादातर अस्पताल बिना लाइसेंस के चलते मिले। वहीं, अब लखनऊ जिला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर अनियमितता पर 29 अस्पतालों को नोटिस जारी किया है।

दरअसल, लखनऊ जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि निजी अस्पतालों में बड़े पैमाने पर मनमानी और मानकों की अनदेखी कर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है। जिसके बाद लखनऊ डीएम ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की छह टीमें गठित की और अलग-अलग स्थानों पर एक साथ छापेमारी के लिए भेजीं। तो ज्यादातर अस्पतालों के पास लाइसेंस ही नहीं मिला, किसी का लाइसेंस एक्सपायर हो चुका था तो किसी अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे। एक अस्पताल में बीएससी पास मरीजों का इलाज कर रहा था। सभी अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है।

इन हॉस्पिटलों की ओटी में मिली बीयर की बोतलें…
दुबग्गा से हरादोई रूट पर एसीएम द्वितीय किंशुक श्रीवास्तव और डॉ. मिलिन्द की टीम ने पांच अस्पतालों पर छापे मारे। तुलसी एंड ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में चार बेड लेकिन कोई ईएमओ या डॉक्टर नहीं मिला। मेरिटस हॉस्पिटल में एएनएम और जीएनएम का कोर्स कर रहे छात्र छात्राएं नर्सिंग और ओटी टेक्नीशियन का कार्य करते मिले। आईसीयू के चार बेड लेकिन ईएमओ या कोई डॉक्टर नहीं था। अस्पताल की ओटी के रेफ्रिजिरेटर में बीयर की बोतलें मिलीं। अस्पताल के लाइसेंस की वैधता भी खत्म हो चुकी है। मॉर्डन हॉस्पिटल मैटरनिटी एंड ट्रॉमा सेंटर पर कोई डॉक्टर नहीं मिला।

संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो होगी सीलिंग…
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की छापेमारी के बाद जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने 29 अस्पतालों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि अगर अस्पताल मैनेजमेंट ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।