प्रणव मुखर्जी के RSS का न्योता किया स्वीकार सियासी बयानबाजी जारी , बीजेपी ने दिया करारा जवाब

MukherjeeBhagwat

नागपुर: आरएसएस के एक कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को आमंत्रित करने और आमंत्रण स्वीकार किये जाने को लेकर राजनितिक गलियारों में हलचल तेज़ हो गयी है . कांग्रेस भी अभी इस पर कुछ बोलने से बचती नजर आ रहे है उसे समाघ नहीं आ रहा है को वो क्या प्रतिक्रिया दे .वही बीजेपी का कहना है की आरएसएस समय समय पर नदी लोगों को आमंत्रित करती रहती है इस में कोई नयी बात नहीं है .वही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर प्रणब मुखर्जी आरएसएस के कार्यक्रम में जाते हैं तो बुरा क्या है. उन्होंने कहा कि आरएसएस कोई आतंकी संगठन नहीं है, ना ही कोई पाकिस्तानी संगठन है इसलिए किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

कांग्रेस भी अभी असमंजस की स्तिथि में है इस बीच, मामले से दूरी बनाते हुए कहा है कि यह सवाल पार्टी से नहीं बल्कि प्रणव मुखर्जी से पूछा जाना चाहिए कि वह संघ के कार्यक्रम में क्यों शामिल हो रहे हैं. कहा गया है कि यह फैसला प्रणव मुखर्जी का है, कांग्रेस पार्टी का नहीं. देखना दिलचस्प होगा की प्रणव मुखर्जी कार्यक्रम में जा कर क्या बोलते हैं अखिलेश यादव ने भी कि मैं इस मामले पर कुछ नहीं कहूंगा लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि उस (आरएसएस) विचारधारा से देश को बचना चाहिए.

क्या है कार्यक्रम

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 7 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नागपुर मुख्यालय जाएंगे. वह संघ शिक्षा वर्ग के तृतीय वर्ष में शामिल हो रहे स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे.वह इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे
बताया जा रहा है की वो नागपुर में दो दिन रहेंगे और 8 जून को वापस लौटेंगे. संघ शिक्षा वर्ग के शिविर समापन समारोह में मुखर्जी शामिल होंगे. . इस शिविर में करीब 700 स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं.