“कावड़ यात्रा पर लगा कोरोना का ग्रहण”

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

1-सावन महीने में चलने वाली कावड़ यात्रा संक्रमण के चलते हुई स्थगित

2- तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मिलकर लिया फैसला

लखनऊ : प्रतिवर्ष होने वाली कावड़ यात्रा भी कोरोना का शिकार बन गई है | पारंपरिक कावड़ यात्रा को कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते स्थगित कर दिया गया है | उत्तर प्रदेश ,उत्तराखंड और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने आपस में बनी सहमति के आधार पर श्रावण माह में निकलने वाली कावड़ यात्रा को इस वर्ष स्थगित कर दिया है |

देशभर में फैले कोरोना संक्रमण के भय से परंपरागत कावड़ यात्रा को इस वर्ष रोकने का फैसला लिया गया है | कोविड-19 के खतरे को देखते हुए राज्य के कांवर संघों और धर्मगुरुओं ने सरकार को इस वर्ष कावड़ यात्रा स्थगित करने का प्रस्ताव दिया था जिस पर विचार करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री योआदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कावड़ यात्रा के परिपेक्ष में संवाद किया | जिसमें कोविड-19 के संक्रमण  को ध्यान में रखते हुए कावड़ यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है |इस संबंध में उत्तर प्रदेश के सभी मंडलायुक्त और सभी अपर पुलिस महानिदेशक को निर्देश जारी कर दिए गए हैं |

* कैसे शुरू हुई कावड़ यात्रा

आगामी 6 जुलाई से श्रावण मास का आरंभ हो जाएगा जो 3 अगस्त तक रहेगा इस सावन महीने को भगवान शिव का महीना भी कहा जाता है | केसरिया कपड़े पहने शिव भक्तों के जत्थे गंगा का पवित्र जल शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए निकल पड़ते हैं और इन्हीं जत्थों  को कावड़ियों के नाम से जाना जाता है | कुछ विद्वानों का मानना है भगवान परशुराम पहले कांवरिया थे | जिन्होंने उत्तर प्रदेश के बागपत के पास स्थित “पुरा महादेव” का जलाभिषेक गढ़मुक्तेश्वर (जिसको वर्तमान में बृजघाट कहा जाता है) से गंगाजल लाकर किया था|वही पुराणों के अनुसार लंकापति रावण द्वारा इस परंपरा की शुरुआत हुई थी | समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए विष को जब महादेव ने पिया था तो उनका कंठ नीला हो गया था और इस विष के नकारात्मक प्रभावों ने उन्हें घेर लिया था l तत्पश्चात रावण ने कांवड़ में जल भरकर पुरा महादेव शिव मंदिर में शिव का जलाभिषेक किया और शिव जी को विष के दुष्प्रभाव से मुक्त किया l तभी से कावड़ यात्रा का प्रारंभ हुआ l

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