हिंदी के प्रसिद्ध कवि पद्मभूषण से सम्मानित, श्री हरिवंश राय बच्चन जी को जन्मदिन की सुभकामनाये

हरिवंश राय श्रीवास्तव "बच्चन"

हरिवंश राय श्रीवास्तव “बच्चन” (27 नवम्बर 1907 – 18 जनवरी 2003) हिन्दी भाषा के एक कवि और लेखक थे। इलाहाबाद से सटे प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव बाबूपट्टी में एक कायस्थ परिवार मे हुआ था। इनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव तथा माता का नाम सरस्वती देवी था। इनको बाल्यकाल में ‘बच्चन’ कहा जाता था जिसका शाब्दिक अर्थ ‘बच्चा’ या ‘संतान’ होता है। बाद में ये इसी नाम से मशहूर हुए। इन्होंने कायस्थ पाठशाला में पहले उर्दू की शिक्षा ली जो उस समय कानून की डिग्री के लिए पहला कदम माना जाता था। उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम॰ए॰ और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य के विख्यात कवि डब्लू॰बी॰ यीट्स की कविताओं पर शोध कर पीएच॰ डी॰ पूरी की।

 

 

1926 में 19 वर्ष की उम्र में उनका विवाह श्यामा बच्चन से हुआ जो उस समय 14 वर्ष की थीं। लेकिन 1936 में श्यामा की टीबी के कारण मृत्यु हो गई। पाँच साल बाद 1941में बच्चन ने एक पंजाबन तेजी सूरी से विवाह किया जो रंगमंच तथा गायन से जुड़ी हुई थीं। इसी समय उन्होंने ‘नीड़ का पुनर्निर्माण’ जैसे कविताओं की रचना की। तेजी बच्चन से अमिताभ तथा अजिताभ दो पुत्र हुए। अमिताभ बच्चन एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं। तेजी बच्चन ने हरिवंश राय बच्चन द्वारा शेक्सपियर के अनूदित कई नाटकों में अभिनय किया है।

 

 

उन्होने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। बाद में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ रहे। अनन्तर राज्य सभा के मनोनीत सदस्य। बच्चन जी की गिनती हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में होती है। इलाहाबाद के प्रवर्तक बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों मे से एक हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला है। भारतीय फिल्म उद्योग के प्रख्यात अभिनेता अमिताभ बच्चन उनके सुपुत्र हैं।

 

 

हरिवंश राय हिंदी के प्रमुख कवियों में से एक हैं। उन्हें सबसे अधिक लोकप्रियता उनकी कविता ‘मधुशाला’ से मिली और मधुशाला उनकी सबसे प्रसिद्ध कृतियों में से भी एक है। हरिवंश राय बच्चन की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा उनके गाँव की पाठशाला में हुई। उच्च शिक्षा के लिए वे इलाहाबाद और फिर कैम्ब्रिज गए, जहाँ से उन्होंने अंग्रेजी साहित्य के विख्यात कवियों की कविताओं पर शोध किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के दौरान वो कई राजकीय पदों पर भी कार्यरत रहे।

 

 

हरिवंश राय बच्चन ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिंदी विशेषज्ञ के तौर पर काम किया था। उन्हें राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी मनोनीत किया गया। 1926 में हरिवंश राय की शादी श्यामा से हुई। वहीं शादी के दस साल बाद 1936 में श्यामा इस दुनिया से विदा हो गईं। 1941 में बच्चन ने तेजी सूरी से दूसरी शादी कर ली। हरिवंश राय की 1939 में प्रकाशित एकांत संगीत की यह पंक्तियां उनके जीवन की इन्हीं घटनाओ की ओर इशारा करती है।

 

 

बच्चन ने सुमित्रा नंदन पंत की कविताएं और नेहरू के राजनीतिक जीवन पर भी किताबें लिखी हैं। उन्होंने शेक्सपियर के नाटकों का भी अनुवाद किया। हरिवंश राय बच्चन का 95 वर्ष की आयु में 18 जनवरी, 2003 को मुंबई में देहांत हो गया। हरिवंश राय बच्चन द्वारा देश को दिए गए योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। जाते- जाते हिंदी साहित्य के इस कवि को जन्मदिन का हार्दिक शुभकामनाएं।

 

 

कविता संग्रह :
तेरा हार (1929),मधुशाला (1935),मधुबाला (1936),मधुकलश (1937),आत्म परिचय (1937),निशा निमंत्रण (1938),एकांत संगीत (1939),आकुल अंतर (1943),सतरंगिनी (1945),लाहल (1946),बगाल का काव्य (1946),खादी के फूल (1948),सूत की माला (1948),मिलन यामिनी (1950),प्रणय पत्रिका (1955),धार के इधर उधर (1957),आरती और अंगारे (1958),बुद्ध और नाचघर (1958),त्रिभंगिमा (1961),चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962),दो चट्टानें (1965),बहुत दिन बीते (1967),कटती प्रतिमाओं की आवाज़ (1968),उभरते प्रतिमानों के रूप (1969),जाल समेटा (1973)शामिल हैं।

 

 

उनकी कृति दो चट्टाने को १९६८ में हिन्दी कविता का साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसी वर्ष उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार तथा एफ्रो एशियाई सम्मेलन के कमल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। बिड़ला फाउण्डेशन ने उनकी आत्मकथा के लिये उन्हें सरस्वती सम्मान दिया था। बच्चन को भारत सरकार द्वारा १९७६ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

 

 

विविध :
बचपन के साथ क्षण भर (1934),खय्याम की मधुशाला (1938),सोपान (1953),मैकबेथ (1957),जनगीता (1958),ओथेलो (1959),उमर खय्याम की रुबाइयाँ (1959),कवियों के सौम्य संत: पंत (1960),आज के लोकप्रिय हिन्दी कवि: सुमित्रानंदन पंत (1960),आधुनिक कवि (1961),नेहरू: राजनैतिक जीवनचित्र (1961),नये पुराने झरोखे (1962),अभिनव सोपान (1964),चौसठ रूसी कविताएँ (1964),नागर गीत (1966),बचपन के लोकप्रिय गीत (1967),डब्लू बी यीट्स एंड औकल्टिज़्म (1968),मरकट द्वीप का स्वर (1968),हैमलेट (1969),भाषा अपनी भाव पराये (1970),पंत के सौ पत्र (1970),प्रवास की डायरी (1971),किंग लियर (1972),टूटी छूटी कड़ियाँ (1973),गोलम्बर मेरी कविताई की आधी सदी (1981),सोहं हंस (1981),आठवें दशक की प्रतिनिधी श्रेष्ठ कवितायें (1982),मेरी श्रेष्ठ कविताएँ (1984),आ रही रवि की सवारी