इंटीग्रल विश्वविद्यालय में हुआ किसान सम्मान समारोह का आयोजन

सज्जन कुमार मिश्रा
संवाददाता, रीडर टाइम्स

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ाने की कुंजी है : प्रो. जावेद मुसर्रत, कुलपति

इंटीग्रल कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, इंटीग्रल विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय कृषि शिक्षा नीति: वर्तमान और भविष्य के परिप्रेक्ष्य पर राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं इंटीग्रल किसान सम्मान समारोह का आयोजन इंटीग्रल विश्वविद्यालय, लखनऊ के केंद्रीय सभागार में दिनांक 04 नवंबर, 2023 को की गयी संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डा. आर.सी. अग्रवाल, उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ उत्तम के. सरकार, निदेशक, राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, डॉ रसप्पा विश्वनाथन, निदेशक, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, डॉ टी. दामोदरन, निदेशक, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, डॉ सुधीर कुमार शुक्ला, निदेशक, उ.प्र. गन्ना अनुसंधान परिषद, प्रो. एस.डब्लू, संस्थापक, आलोक कुमार पांडेय, विषय वस्तु विशेषज्ञ कृषि मौसम विज्ञान कृषि विज्ञान केंद्र एवं कुलाधिपति, इंटीग्रल विश्वविद्यालय, डॉ  सैयद नदीम अख्तर, प्रतिकुलाधिपति, इंटीग्रल विश्वविद्यालय, प्रो. जावेद मुसर्रत, कुलपति, इंटीग्रल विश्वविद्यालय तथा कुलसचिव मोहम्मद हारिस सिद्दीकी ने प्रतिभाग किया I संगोष्ठी के कुशलतापूर्वक आयोजन में आलोक कुमार पांडेय, विषय वस्तु विशेषज्ञ, कृषि विज्ञान केंद्र, लखनऊ का अहम योगदान रहा।

प्रो. जावेद मुसर्रत, कुलपति, इंटीग्रल विश्वविद्यालय ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ाने की कुंजी है I उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के तरीकों को लगातार तलाशने, छात्रों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए आवश्यक कौशल  में वृद्धि करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने और छात्रों के बीच नवीन सोच को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। डा. आर.सी. अग्रवाल ने कहा कि कृषि शिक्षा हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें छात्रों को खेती और पशुधन पालन की मूल बातें सिखाने के अलावा और भी बहुत कुछ शामिल है। कृषि न केवल भोजन और कच्चा माल प्रदान करती है बल्कि जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को रोजगार के अवसर भी प्रदान करती है। उन्होंने बताया कि छात्रों को कृषि के आधुनिक पहलुओं, जिसमें कृषि में डिजिटल उपकरण, स्वचालन और एआई, जलवायु परिवर्तन, संरक्षित खेती आदि शामिल हैं, को शामिल करने वाले अकादमिक व्याख्यानों के साथ-साथ व्यावहारिक प्रशिक्षण से भी अवगत कराया जाएगा।  

संगोष्ठी में  प्रो. एस.डब्लू, अख्तर,  डॉ  सैयद नदीम अख्तर, डॉ उत्तम के. सरकार,  डॉ रसप्पा विश्वनाथन,  डॉ टी. दामोदरन, डॉ सुधीर कुमार शुक्ल ने राष्ट्रीय कृषि शिक्षा नीति पर अपने विचार रखेI इस अवसर पर आई.आई.ए.एस.टी. सफरनामा एवं इंटीग्रल कृषि दर्पण पत्रिका का विमोचन किया गया तथा कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा नामित 22 प्रगतिशील कृषकों को इंटीग्रल कृषक सम्मान से सम्मानित किया गयाI मुख्य अतिथि द्वारा कृषि म्यूजियम का उद्घाटन भी किया गयाI अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन तथा संस्थान का परिचय प्रो. मोहम्मद हारिस सिद्दीकी, कुलसचिव, इंटीग्रल विश्वविद्यालय द्वारा किया गयाI