इस्‍लामिक देशों के संगठन OIC में सुषमा स्‍वराज का हुआ जोरदार स्‍वागत

अबुधाबी में चल रहे OIC की बैठक में भारत की भागीदारी पर पाकिस्तान ने नाराजगी जताई और इस मीटिंग का बहिष्कार कर दिया है। पाकिस्तान ने मांग की थी कि इस मीटिंग से भारत को दूर रखा जाए । OIC का मतलब है ORGANIZATION OF ISLAMIC COUNTRIES यानि इस्लामी सहयोग संगठन । दुनिया भर के 57 देश इसके सदस्य है जिसमे से 47 मुस्लिम मेजॉरिटी वाले देश है और 10 अन्य मुस्लिम माइनॉरिटी वाले देश है ।

OIC की स्थापना 1969 में हुई थी । बताते चले की 1969 में OIC की बैठक में भारत से फकरुद्दीन अली अहमद पहुंचे थे । लेकिन पाकिस्तान ने इसका विरोध किया था । जिसके कारण भारत  1969 में इसका हिस्सा नहीं बन पाया था और तब से लेकर आज तक भारत OIC का सदस्य नहीं बना । इस बार भी पाकिस्तान भारत का विरोध कर रहा है और उसके गले नहीं उतर रहा है कि भारत को गेस्ट ऑफ़ ऑनर के रूप में बुलाया गया है। सुषमा स्वराज अबु धाबी में आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। यह पहली बार है जब भारत को सम्मानित अतिथि के रूप में इस बैठक में आमंत्रित किया गया है। सुषमा आज दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआती पूर्ण बैठक में भाग लेंगी।

sushma swaraaj

सुषमा स्वराज ने आतंकवाद पर किये गए हमले पर कहा कि भारत द्वारा जैश ए मोहम्मद के शिविर पर किया गया प्रहार भारत की आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमले के ठिकाने का चयन इस बात को ध्यान में रख कर किया गया था कि किसी भी तरह से आम जनता को कोई नुकशान न पहुंचे । यह एक गैर शैन्य कार्यवाही थी जिसका उदेश्य जैश ए मोहम्मद के ढांचे को नष्ट करना था जिसमे हम कामयाब हुए ।

विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि साल 2019 बहुत महत्वपूर्ण है। इस साल भारत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं करीब सवा अरब भारतीयों का अभिवादन करती हूं, जिसमें 185 करोड़ से अधिक मुस्लिम भाई-बहन शामिल हैं। हमारे मुस्लिम भाई और बहन भारत की विविधता का सूक्ष्म रूप हैं।’

उन्होंने कहा कि यहां के कई देशों के साथ भारत के मजबूत और अच्छे संबंध हैं। भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की वजह से संबंध और मजबूत हुए हैं। OIC में यूएन के चौथाई देश और मानवता के भी चौथाई देश शामिल हैं। हममें से कई देशों ने उपनिवेशवाद का अंधकार देखा है। कई देशों ने साथ में आजादी का उजाला देखा। आज हम प्रतिष्ठा के मामले में बराबरी पर खड़े हुए हैं।