विशेषज्ञों के अध्ययन से  सामने आईं चौंकाने वाली बातें  डिप्रेशन का कारण  ‘ब्रेकअप’ और ‘टॉरगेट’ ने उड़ाई नव युवाओं की नींद

विशेषज्ञों के अनुसार सेहतमंद के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है, लेकिन कार्य का दबाव और कंपनी के टॉरगेट से युवाओं की नींद उड़ गई है। इनमे अब ज्यादा से ज्यादा लोग डिप्रेशन में जी रहे है . शुक्रवार को आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित होटल में सिपकॉन-2019 में विशेषज्ञों ने इस पर व्याख्यान दिए।

इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी की सेंट्रल जोन की 41वें राष्ट्रीय अधिवेशन में डॉ. रवि गुप्ता ने बताया कि 60-70 फीसदी मरीजों में नींद न आने की परेशानी मिली। इसमें दो वर्गों में बांटकर स्टडी की। पाया कि 15 से 25 साल आयुवर्ग में परीक्षा और ब्रेकअप वजह मिली।

डियन साइकियाट्रिक सोसाइटी की सेंट्रल जोन की 41वें राष्ट्रीय अधिवेशन में डॉ. रवि गुप्ता ने बताया कि 60-70 फीसदी मरीजों में नींद न आने की परेशानी मिली। इसमें दो वर्गों में बांटकर स्टडी की। पाया कि 15 से 25 साल आयुवर्ग में परीक्षा और ब्रेकअप वजह मिली।

26 से 40 साल के लोगों में कार्य का तनाव, कार्य का टारगेट, अधिक समय तक कार्य करना समेत अन्य कारण रहे। डॉ. अमरप्रीत सिंह ने कहा कि कार्य के दबाव से मरीजों की नींद नहीं आने पर पांच फीसदी डिप्रशेन के मिले। नींद न आने पर मरीज दवाएं लेने लगे, इसकी डोज भी बढ़ा दी। परेशानी ज्यादा बढ़ने लगी तब चिकित्सक के पास आए।