चुप्पी तोड़ो दिवस का हुआ आयोजन,

संवाददाता राहुल भारद्वाज ब्यूरो हैड

रीडर टाइम्स

जिले भर में बालिकाओं को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन हेतु किया गया जागरूक

दौसा, अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिला अधिकारिता विभाग, दौसा द्वारा मंगलवार को जिले की 220 ग्राम पंचायतों में किशोरी यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य तथा माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं महिला अधिकारिता विभाग दौसा के संयुक्त तत्वाधान में गांव के प्रमुख स्थानों यथा पंचायत भवन, विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ‘‘चुप्पी तोड़ो दिवस’’ का आयोजन किया गया। चुप्पी तोड़ों दिवस कार्यक्रम के तहत् साथिनों के माध्यम से प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर 10 से 19 वर्ष की बालिकाएं एवं 20 से 45 वर्ष की महिलाएं, छात्राओं एवं किशोरियों के माता-पिता को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर जानकारी प्रदान की गई।इस दौरान महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक युगल किशोर मीना एवं सूचना एवं जन संपर्क विभाग के सहायक निदेशक रामजीलाल मीना ने आंगनबाड़ी केन्द्र, सूरजपुरा में आयोजित चुप्पी तोड़ो दिवस कार्यक्रम में भाग लिया तथा कार्यक्रम में उपस्थित 50 किशोरी बालिकाओं को माहवारी स्वच्छता प्रबंधन हेतु जागरूक किया। महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक युगल किशोर मीना ने बताया कि चुप्पी तोड़ो दिवस कार्यक्रम के तहत जिले की सभी ग्राम पंचायतों में साथिनों द्वारा माहवारी के दौरान सावधानी के नहीं बरतने के कारण बढ़ते यौन संक्रमण पर चर्चा करते हुए किशोरी बालिकाओं में बढ़ती उम्र के साथ होने वाली शारीरिक परिवर्तनों यथा माहवारी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई व माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर किशोरी एवं बालिकाओं की समझ विकसित की गई तथा बालिकाओं को माहवारी शुरू होने पर बेझिझक, बिना शर्म तथा बिना डरे परिवार की महिला सदस्यों को बताने तथा माहवारी के दौरान सेनेट्री पैड एवं साफ सुती कपड़े के पैड का उपयोग करने हेतु चेतना जागृत करने का कार्य किया गया।उन्होंने बताया कि चुप्पी तोड़ो दिवस के दौरान जागरूकता कार्यक्रम के अवसर पर किशोरी बालिकाओं के माता-पिता सहित समुदाय के अन्य सदस्यों को माहवारी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अंधविश्वास के कारण आज भी हमारे समाज में बालिकाओं एवं महिलाओं को रसाई, पूजाघर एवं मन्दिरों में प्रवेश पर इत्यादि, जिससे बालिकाएं एवं महिलाएं स्वयं को घृणित महसूस करती हैं,जो कि साथ माहवारी के दौरान छुआछुत का व्यवहार किया जाता हैं, जो कि गलत है तथा माहवारी बालिकाओं में बढ़ती उम्र के साथ होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया हैं।