कोरोना से मृत्युदर कम करने के लिए प्रदेश में चलेगा:मिशन लाईफ सेविंग अभियान

रिपोर्ट :-ब्यूरो हेड(राहुल भारद्वाज)
दौसा :- प्रदेश में कोरोना से हो रही मौतों की संख्या कम करने के लिए मिशन लाइफ सेविंग अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दिया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पी एम वर्मा ने बताया कि कोरोना के प्रति विभाग पहले से ही सतर्क है और जिले में अभी तक आए सभी मरीज रिकवर होकर घर जा चुके हैं लेकिन कोविड-19 संक्रमण से हुई मौतों की समीक्षा करने के बाद सामने आया है कि मरने वालों में हाईरिस्क ग्रुप के लोगों की संख्या अधिक रही। अभियान के तहत इनकी पहचान की जाएगी और जरूरत के अनुसार उपचार दिया जाएगा।

 

कैसे पहचाने कि आप हाईरिस्क में हैं या नही :-

डॉ. वर्मा ने बताया कि हाईरिस्क ग्रुप में 60 साल से अधिक आयु के व्यक्ति, उच्च रक्तचाप से पीडित व्यक्ति, ह्दय रोगी, मधुमेह रोगी, अस्थमा रोगी, सीओपीडी के रोगी, किडनी संबंधित रोग, कैंसर रोगी, टीबी के रोगी, गर्भवती महिलाएं, दस साल से कम उम्र के बच्चे और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को हाई रिस्क ग्रुप में शामिल किया जाता है।

 

ऎसे होगी हाईरिस्क ग्रुप की पहचान :-

उन्होने बताया कि अस्पतालों में जांच के लिए आने वाले मरीजों की केस हिस्ट्री या उपचार के आधार पर तो हाईरिस्क ग्रुप की पहचान की ही जा रही है, लेकिन अब नई गाइडलाइन के अनुसार महात्मागांधी आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी, एनसीडी डेटाबेस, वृद्वावस्था पेंशन प्राप्त व्यक्ति, जनाधार केन्द्र, मतदाता सूची, राषन कार्ड, सरकारी पेंशनर्स का रिकॉर्ड आदि को खंगाला जाएगा और इससे प्राप्त डाटा के आधार पर भी हाईरिस्क ग्रुप की पहचान की जाएगी। गाइडलाइन के अनुसार कंटेंटमेंट जोन में बीस घरों पर एक स्वयंसेवक का चयन किया जाकर उसे प्रशिक्षित किया जाएगा और स्वयंसेवक के माध्यम से हाईरिस्क ग्रुप की सूची अपडेट की जाएगी। इसी दौरान उन्हें कोविड से बचाव आदि की जानकारी भी दी जाएगी। यदि सर्वे के दौरान कोई व्यक्ति कोरोना लक्षण संदिग्ध नजर आता है तो इसकी सूचना तुरंत दूरभाष के माध्यम से नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र को दी जाएगी और उसका परीक्षण कराया जाएगा।