‘उत्तर प्रदेश ने चीनी उत्पादन में लॉकडाउन के बावजूद बनाया रिकॉर्ड,

संवाददाता मार्कण्डेय शुक्ला

रीडर टाइम्स

* लॉकडाउन में चीनी मीलों को सामान्य रूप से चालू रखा गया ताकि किसान को नुकसान न हो ।

* पिछले वर्ष 5 . 5 करोड़ पर्चियों की अपेक्षा इस वर्ष अब तक 6 .13 करोड़ पर्चियां हुई जारी ।

* योगी बोले कि जब तक खेतों में गन्ना खड़ा है तब तक चीनी मिलें बंद नहीं होंगी ।

पूरे प्रदेश में कोरोना के चलते मार्च के आखरी महीने में लॉकडाउन कर दिया गया था, ऐसे स्थिति में सभी औद्यौगिक इकाइयों को बंद करने के निर्देश दे दिए गए थे, लेकिन चीन उद्योग को इससे बहार रखा गया था. शुगर फैक्टरियों को बहुत संभाल के चलाया जा रहा था , जिसके परिणाम स्वरुप प्रदेश की चीनी मीलों के नया रिकॉर्ड बना दिया है।गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि यूपी ने इस वर्ष गन्ना पेराई एवं चीनी उत्पादन में कीर्तिमान बनाया है।विभाग ने गन्ना किसानों के हित में प्रदेश की सभी चीनी मिलों को संचालित रखने का निर्णय लिया था, जिसमें वह सफल हुआ और चीनी मिलों को गन्ने की सुचारु आपूर्ति हो सकी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 46.2 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों को वर्तमान पेराई सत्र 2019-20 में अब तक 6.13 करोड़ गन्ना पर्चियां जारी की गई हैं, जबकि विगत वर्ष सामान्य परिस्थितियों में भी इस समय तक 5.5 करोड़ गन्ना पर्चियां ही जारी की गयी थी।

चीनी मिलों द्वारा अब तक 10715.40 लाख कुंतल गन्ने की पेराई कर 1216.80 लाख कुंतल चीनी उत्पादित की गई है जो पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा है, पिछले वर्ष इस समय तक 10118.77 लाख कुंतल गन्ने की पेराई ही हुई थी तथा 1163.69 लाख कुंतल चीनी उत्पादन हुआ था। गन्ना मंत्री सुरेश राणा का कहना है कि यदि लॉकडाउन में चीनी मिलों का संचालन बंद हो जाता तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता। गन्ना खेतों में खड़ा रह जाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन की घोषणा के समय ही गन्ना किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा जिसके कारण रिकॉर्ड गन्ना खरीद हुई । बताते चलें कि अभी पेराई चल रही है और सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि जब तक किसानों का गन्ना  खेतों में खड़ा है, तब तक मिलें बंद नहीं होंगी।