Home हेल्थ इस तरह प्रदूषण करता हैं शरीर के हिस्सों पर वार
इस तरह प्रदूषण करता हैं शरीर के हिस्सों पर वार
Oct 20, 2020
शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
2020 की शुरुआत में कोरोना वायरस के आतंक ने एक काम तो अच्छा किया की , प्रदूषण का स्तर बिलकुल कम कर दिया। महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन ने दिल्ली व उसके आस पास के सभी इलाको की आबोहवा को एक दम तरोताजा कर दिया हैं। पहले से अब प्रदूषण का भी ज्यादा कोई कहर नहीं हैं। दिल्ली का वातावरण पहले से अब इतना साफ हो गया की पहले की सालो की कोशिशों के बाद नहीं हो पाया जोकि अब बहुत ही अच्छा वातावरण हैं। तरोताजा हवा के 6-7 महीने बाद अब साल का समय आ गया हैं। जिसमे दिल्ली का वातावरण अधिक स्तर पर खतरनाक हो जाता हैं। और धीरे धीरे फिर यहां प्रदूषण बढ़ता ही जाएगा। बल्कि दिल्ली ही नहीं इसके आसपास के इलाको में भी प्रदूषण त्वचा से लेकर दिल की जान लेवा बीमारियों का कारण बनता हैं। दिल्ली सरकार भी प्रदूषण से बचने के लिए हर साल गाइडलाइंस जारी करती हैं। प्रदूषण के जानलेवा तत्व अगर हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं तो किया होता हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार, अगर एक शहर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI ) अगर 400 से ज्यादा होता हैं तो उसमे कुछ देर रहने से घुटन महसूस होने लगती हैं। और धीरे धीरे ये स्तर बढ़ता जाएगा। जो की व्यक्तियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता हैं। स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए थे क्योकि इस प्रदूषण की चपेट में आकर बहुत से अस्वस्थ हो चुके हैं। प्रदूषण न केवल फेफड़ो बल्कि शरीर के कई अंगो पर भी खतरा पहुँचता हैं। ये प्रदूषण फेफड़ो को ही नहीं बल्कि त्वचा व हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का भी जिम्मेदार होता हैं।
* आखो के रेटिना को बढ़ा खतरा |
* दमा होने का डर बढ़ जाता हैं |
* और साथ ही स्ट्रोक का भी खतरा |
* डिहाइड्रेशन , डायरिया , पीलिया का भी खतरा |
* बुजुर्गो में हार्ट अटैक का खतरा |
* त्वचा व बालो पर भी पड़ता हैं गंभीर असर |