कोरोना वायरस संक्रमण को कितने समय तक याद रखता हैं ; इम्यूनिटी सिस्टम ,

शिखा गौड़ डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

जब से कोरोना वायरस महामारी बनकर उभरा है, तभी से इम्यूनिटी और कोविड -19 संक्रमण के बीच के संबंध पर कई तरह की चर्चा देखने को मिली है। ये अब साफ हो गया है कि ये वायरस सभी लोगों को अलग तरीके से प्रभावित करता है, जो उम्र, लिंग और दूसरी बीमारी से ग्रस्त होने पर निर्भर करता है। इसलिए अब ये समझना बेहद ज़रूरी हो गया है कि हमारा इम्यून सिस्टम कैसे और कितने समय तक वायरस से लड़ता है। हाल ही में हुई एक स्टडी ने दावा किया है कि हमारा इम्यून सिस्टम कोविड-19 संक्रमण को कम से कम 6 महीनों तक याद रखने में सक्षम है, जिससे शरीर दोबारा संक्रमित होने से बच जाता है।

: – कोविड-19 मरीज़ों में इम्यूनिटी 

  • अलग – अलग शोधों के मुताबिक, कोविड-19 की इम्यूनिटी हर किसी के लिए अलग हो सकती है। कुछ लोगों की इम्यूनिटी ज़्यादा मज़बूत होती है, जिसकी वजह से वे कोरोना के गंभीर संक्रमण से बच जाते हैं, वहीं कुछ लोग कमज़ोर इम्यूनिटी की वजह से गंभीर रूप से बीमार पड़ जाते हैं। वहीं, कुछ लोगों के शरीर में कोविड की एंटीबॉडीज़ पाई गई हैं, जो कभी बीमार ही नहीं पड़े। कुछ समय पहले हुए रिसर्च के मुताबिक, कोविड-19 से संक्रमित हुए मरीज़ों की इम्यूनिटी काफी लंबे समय तक रहती है। हालांकि, ये अभी साफ नहीं हुआ है कि असल में इम्यूनिटी संक्रमण को कितने लंबे समय तक याद रख पाती है।

: – कोविड को 6 महीने तक याद रखता है इम्यून सिस्टम

  • एक रिसर्च में ये देखा गया कि मेमोरी बी-सेल रेस्पोन्स 6.2 महीनों बाद भी ख़त्म नहीं होता , बल्कि विकसित होता रहता है। जिसका मतलब ये हुआ कि जो लोग दोबारा कोविड – 19 संक्रमण की चपेट में आते हैं, उन्हें उनकी इम्यूनिटी बीमार नहीं होने देती और तुरंत प्रतिक्रिया करते हुए संक्रमण से बचाती है। जर्नल साइंस में छपी एक स्टडी में बताया गया कि इम्यून सिस्टम के ज़्यादातर हिस्से कम से कम 8 महीनों तक वायरस की पहचान कर पाते हैं और संक्रमण को फैलने नहीं देते।

: – कोविड – 19 से बचाने में मेमोरी बी-सेल्स की भूमिका 

  • जब बात आती है कोरोन वायरस संक्रमण से लड़ने की तो मेमोरी बी-सेल्स काफी अहम रोल अदा करते हैं। वे एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाएं हैं, जो संक्रमण के दौरान लिम्फ नोड्स या प्लीहा में बनती हैं। जब एक ही वायरस या बैक्टीरिया दोबारा संक्रमण फैलाता है, तो वे एंटीबॉडी को तेज़ी और मज़बूती से प्रतिक्रियाओं की अनुमति देते हैं, ऐसे ही वे कोविड-19 के दोबारा संक्रमण को भी रोक सकते हैं।