Category: अन्य

RIZVI SIR

ग़ज़ल : लाओ काग़ज़ क़लम अब वसीयत लिखें, अपने हर जुर्म की ख़ुद शहादत लिखें।

लाओ काग़ज़ क़लम अब वसीयत लिखें, अपने हर जुर्म की ख़ुद शहादत लिखें।...

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आधी आबादी का वजूद —- एक पुरानी नज़्म

मेरा वजूद क्या है मुझे ख़ुद पता नहीं, जिस में दिखाई दूं मैं कोई...

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ग़ज़ल : है कोई आँख जहाँ कायनात दिखती है , हसीन रंग में महकी हयात दिखती है

है  कोई  आँख   जहाँ  कायनात  दिखती  है, हसीन  रंग   में   महकी ...

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क़तआत : नाख़ुदा डूब गया कश्ती बचाएं कैसे

1- नाख़ुदा  डूब   गया    कश्ती   बचाएं   कैसे, रस्मे   उल्फ़त भला  ऐसे ...

ग़ज़ल :- मेरे महबूब मेरे दिल को मोहब्बत दे दो

मेरे  महबूब  मेरे   दिल   को   मोहब्बत   दे  दो, ग़ैरमुमकिन हो तो ...

15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति

मकर संक्रांति को दक्षिण भारत में पोंगल के नाम से जाना जाता है ....

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ग़ज़ल : आ जाओ तोड़ कर जंजीरें फिर चलते हैं गुलशन की तरफ़

आ  जाओ  तोड़  कर  जंजीरें  फिर  चलते  हैं गुलशन की तरफ़, आज़ाद  फ़ज़ाओं ...

की कश्तियों पर पुल नहीं रुकते , की आस्था के समुद्र नहीं झुकते

की कश्तियों पर पुल नहीं रुकते  की आस्था के समुंदर नहीं झुकते...

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ग़ज़ल : चारों तरफ़ से आग की आंधी उठी हुई , वीराने ख़ाक हो चुके बस्ती जली हुई

चारों तरफ़ से आग की आंधी उठी हुई, वीराने ख़ाक हो चुके बस्ती जली हुई।...

विपता में उलझी जान हमारी, आ जाओ हे कृष्ण कन्हैया

विपता में उलझी जान  हमारी, आ जाओ हे कृष्ण कन्हैया, राह   तकत  हैं ...