फर्जी बिल देकर और कम शुद्धता के गहने बेचकर ग्राहकों  से हो रही सरेआम ठगी

गोपाल द्विवेदी (ब्यूरो चीफ )हरदोई

रीडर टाइम्स

• शहर की नामचीन दुकान काशीनाथ ज्वैलर्स के यहाँ 22 कैरेट का बताकर दिया जा रहा 20 कैरेट का सोना साथ ही की जा रही सेल्स टैक्स व इनकम टैक्स की भी चोरी

हरदोई। एक तरफ मोदी सरकार ज्वैलरी बेचकर मोटी कमाई करने वाले ज्वैलर्स के लिए हॉलमार्क जैसे नियमों को कड़ाई से लागू करने का प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर कुछ आभूषण व्यापारी ठगी के नित नए तरीकों से जनता को चूना लगाने से बाज नही आ रहे है|ताजा मामला हरदोई के नामचीन ज्वैलरी स्टोर काशीनाथ ज्वैलर्स का है जहां आज भी ग्राहकों को इस्टीमेट नाम का कच्चा बिल देकर मनमाने रुपये वसूलकर ठगी का सिलसिला जारी है साथ ही शुद्ध 22 कैरेट का आभूषण बताकर 20 कैरेट से कम की शुद्धता वाले आभूषण धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं|

 

 

19 जनवरी को एक महिला द्वारा सोने के आभूषण खरीदे गए जिनकी कीमत 16000 बताई गई और दुकान मालिक द्वारा बताया गया कि ये सोने के 22 कैरेट के हॉलमार्क वाले आभूषण हैं और उस दिन का सोने का भाव 38000 बताकर फ़र्ज़ी बिल काट दिया गया । इस फ़र्ज़ी बिल में न तो सोने की शुद्धता लिखी गई ,न दुकान का पता ,न जीएसटी नम्बर और न ही किसी हॉलमार्क का जिक्र किया गया|जब महिला ने अपने परिवार वालों को हुई इस खरीद व ठगी के बारे में बताया तो परिवार ने उसे पुनः पक्का बिल लाने को दुबारा वापस दुकान पर भेजा जहां महिला को कहा गया कि वो बिल में केवल 83 % शुद्धता का ही पक्का बिल दे सकते हैं साथ ही पक्के बिल के लिए 500 रुपये की और मांग की गई जब महिला ने अपने डेबिट कार्ड से भुगतान करने के लिए कहा तो 3% चार्ज की अलग से डिमांड की गई जब महिला ने इस बात का विरोध किया कि जब उसने 22 कैरेट का सोना खरीदा है तो उसे बिल भी 22 कैरेट का दिया जाए जिस पर दुकान के स्टाफ द्वारा उसके साथ अभद्र व्यवहार करके वापस भेज दिया गया|

जब रीडर टाइम्स ने काशीनाथ ज्वैलर्स की दुकान पर जाकर कुछ आभूषण खरीदने की बात कहके तहकीकात की तो पता चला कि ये दुकान कहती तो 22 कैरेट का सोना बेचने की बात लेकिन बिल केवल 20 कैरेट का ही दे सकती है जिससे स्पष्ट है इस दुकान में ज्यादातर ग्राहकों को 22 कैरेट का सोना बताकर 20 कैरेट का सोना बेचा जाता है साथ ही एस्टीमेट नाम से फ़र्ज़ी बिल पकड़ा दिया जाता है जिससे उनकी धोखाधड़ी को उजागर न किया जा सके

• जी एस टी व इनकम टैक्स की भी हो रही है चोरी

ग्राहकों को दिए जाने वाले इस फ़र्ज़ी बिल से जहां ये विक्रेता जी एस टी की चोरी करते हैं वहीं दूसरी ओर अपनी आय भी कम दिखाकर इनकम टैक्स की भी चोरी करते हैं|जब ग्राहक ऑनलाइन भुगतान करके कुछ खरीदना चाहता है तो उसे अलग से बैंक चार्ज व GST का भय दिखाकर नकद खरीदने को बाध्य करके ये ज्वैलरी शॉप सरकार को खुलेआम चूना लगा रही है