सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजो में रेपिड रेस्पोंस टीमो का होगा गठन,

संवाददाता राहुल भारद्वाज ब्यूरो हैड

रीडर टाइम्स

जयपुर ,राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार राज्य के प्रत्येक सरकारी व निजी कॉलेजों में रेपिड रेस्पोंस टीम का गठन करना अनिवार्य हो गया है। इसे लेकर सरकार ने प्रिंसिपल एण्ड कंट्रोलर महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज जयपुर, जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी जयपुर, निम्स मेडिकल कॉलेज जयपुर, अमेरिकन इंस्टीट्यूट उदयपुर, अनंता मेडिकल कॉलेज राजसमंद, पेसिफि क इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ उमरड़ा उदयपुर, पैसिफि क मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल उदयपुर, गीतांजली मेडिकल कॉलेज उदयपुर को पत्र भेजा है| पहले किया था निर्णय गत दिनों 3 मार्च को राज्य में कोरोना वायरस रोग के नियंत्रण के लिए सभी निजी मेडिकल कॉलेजों में भी रेपिड रेस्पोंस टीम का गठन करने के निर्देश जारी किए गए थे। इसमें ये रहेंगे।1. वरिष्ठ आचार्य, पी एस एम 2. वरिष्ठ आचार्य, मेडिसि 3. वरिष्ठ आचार्य, माइक्रोबायोलॉजी 4.वरिष्ठ आचार्य, शिशु रोग 5.एपिडेमिओलोजिस्ट

रेपिड रेस्पोंस टीम का ये रहेगा दायित्व

रेपिड रेस्पोंस टीम संबंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के संपर्क में रहते हुए कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज़ की सूचना पर सम्बंधित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशानुसार कार्य करना होगा। रेपिड रेस्पोंस टीम के वरिष्ठ प्रोफ़े सर पी एस एम विभागए नोडल अधिकारी होंगे, वे संदिग्ध यात्रियों के संपर्क में आए समस्त होटल स्टाफ ,भ्रमण स्थल पर संपर्क में आए नागरिक एवं उपचार के दौरान संपर्क में आए व्यक्तियों का सर्विलांस कराते हुए आवश्यकतानुसार उनकी जांच करवाएंगे, जरूरत पर उपचार शुरू करेंगे। वरिष्ठ प्रोफ़ेसर मेडिसिन, वरिष्ठ प्रोफ़ेसर पीडियाट्रिक चिकित्सा संस्थान पर उपस्थित रह कर उक्त अनुसार संपर्क में आए व्यक्तियों का चिकित्सकीय परीक्षण करेंगे। लक्षण पाए जाने पर आइसोलेशन वाई में भर्ती करते हुए दिशा.निर्देशानुसारचिकित्सकीय प्रबंधन करना सुनिश्चित करेंगे। वरिष्ठ प्रोफ़ेसर माइक्रोबायोलॉजी विभाग, यात्रियों के ठहरने व भ्रमण स्थलों को निर्देशानुसार वि-संक्रमित करवाएंगे एवं संदिग्ध व्यक्तियों का जाँच हेतु सैंपल लेंगे। एपिडेमियोलॉजिस्ट आई डी एस पी उपरोक्त कार्यों में टीम को सहयोग प्रदान करेंगे एवं समस्त सूचनाओं की लाइन लिस्टिंग तैयार कर निदेशालय को अवगत करवाएंगे। उपरोक्त गतिविधियों के साथ साथ एपिडेमिक इन्वेस्टिगेशन व कांटेक्ट ट्रेसिंग प्लान बनाते हुए ज़िले में कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से समस्त गतिविधियां संपादित करवाएंगे।