पर्यावरण संरक्षण आज समय की आवश्यकता वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री

ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज

रीडर टाइम्स

जयपुर : वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज समय की आवश्यकता है और इससे प्रत्येक अधिकारी को इस में पूरे मन से अपना योगदान देना चाहिए। विश्नोई शुक्रवार को यहां विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर विश्नोई ने याद दिलाया कि महामारी ने हमें पर्यावरण संरक्षण का महत्त्व स्पष्ट रूप से ज्ञात करा दिया है। इसलिये हम सबको जल, वायु और पर्यावरण का संरक्षण करते हुये प्रकृति का सम्मान करना चाहिये।

पर्यावरण एवं वन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस एक महत्वपूर्ण दिन है, और वैश्विक महामारी ने हमें इस बात का स्पष्ट संकेत दिया है कि पर्यावरण संरक्षण, जैव-विविधता संरक्षण तथा क्लाइमेट चेंज जैसे विषय हमारी प्राथमिकता में रहना अनिवार्य है। वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों ने स्पष्ट रूप से हम सबको एक सन्देश दिया है कि लॉकडाउन के दौरान मानव की जीवनशैली में परिवर्तन से जल, वायु और पर्यावरण में सुधार आना महत्वपूर्ण संकेत है। इससे यह भी स्पष्ट हुआ है कि हमें अब पर्यावरण संरक्षण को एक अहम स्थान देते हुये निरंतर प्राथमिकता में रखना होगा। इसको हमें नहीं भूलना चाहिये।

वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. जी वी रेड्डी ने इस अवसर पर जैव विविधता के महत्त्व पर प्रकाश डाला तथा संरक्षण के प्रति विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यो तथा भावी रणनीति पर भी प्रकाश डाला।इस अवसर पर वन विभाग द्वारा विभिन्न वन्यजीव मंडलों में जैव विविधता संरक्षण के संबंध में बनाई गयी फिल्मों का भी प्रदर्शन किया गया। बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन अरिजीत बनर्जी अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने किया।

राजस्थान वानिकी एवं वन्य जीव प्रशिक्षण संस्थान द्वारा पर्यावरण सम्बन्धी जागरूकता बढ़ाने के लिए हमारे पर्यावरण को बचाने के लिए महामारी से मिले सबक तथा भविष्य की योजना विषय पर एक सेमीनार आयोजित किया गया। साथ ही पर्यावणीय संरक्षण पर एक आनलाईन प्रश्नोत्तरी का भी आयोजन किया गया जिसमें बडी तादाद में आमजन एवं स्कूली बच्चों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रशिक्षण संस्थान द्वारा एक रूपये कीमत पर पौध वितरण किया, जिससे पौधारोपण द्वारा पर्यावरण में सुधार आ पाये।