स्मार्ट वैल्यू की आड़ में ; रोजगार देने के नाम पर , चल रहा ठगी का …


रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज
उत्तर प्रदेश में आये दिन रोजगार देने के नाम पर ठगी के मामले प्रकाश में आते रहते है। कई जरूरतमंद नाबालिक लड़कियां हो चुकी है शिकार ऐसा ही एक रोजगार के नाम पर ठगी करने का मामला नघेटा रोड पर बने स्मार्ट वैल्यू कम्पनी के नाम पर ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है अब तक कई भोली भाली नाबालिक लड़कियां इस गिरोह की ठगी का शिकार हो चुकी है।

दरअसल नघेटा रोड पर बीपी सुपर मार्केट वाली गली में एक मकान में यह कम्पनी संचालित है कई नाबालिक लड़कियों ने आरोप लगाया है कि हम सभी लोगो से 13300 रुपये नौकरी देने के नाम पर जमा कराए गए व तीन महीने ट्रेनिंग पूरी होने के बाद आठ हजार प्रति माह की नौकरी देने की बात हुई थी लेकिन जब हम लोगो ने ट्रेनिंग पूरी कर ली लेकिन रोजगार नही दिया गया। ठगी का शिकार लड़कियों द्वारा रोजगार मांगने पर कम्पनी में तैनात सुमति,बीरू,रोशनी यादव, कहती है कि तीन लोगो को जब अपने नीचे अपनी आई0 डी0 से जोड़ोगी व प्रति व्यक्ति से 13300 रुपये जमा कराओगी तब 8000 रुपये मिलेंगे।

आपको बताते चले कि एक सिंडिकेट के रूप में कार्य करके इस ठगी के धंधे को अंजाम दिया जा रहा है इस पूरे खेल का खुलासा तब हुआ जब कम्पनी के झांसे में मंगली पुरवा निवासी सायमा आ गई और उसने रोजगार पाने की खातिर 13300 रुपये जमा कर दिए और तीन महीने की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उसे रोजगार नही मिला फिर उसको यही तीन लोगों को जोड़ कर पैसा जमा कराने की शर्त रखी गई। शायमा मरती क्या न करती उसने तीन लोगों को मनीषा,दीपाली,समसीदा को जोड़ा व पैसे जमा कराए। इन तीनो लड़कियों को भी तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद रोजगार देने का सुनहरा सपना कम्पनी में तैनात लोगो ने दिखाया।

शायमा को 6 महीने व मनीषा,दीपाली,समसीदा को जब तीन महीने पूरे हो गये और किसी को न रोजगार मिला न ही जमा किये हुए पैसे। तब कोतवाली शहर में शिकायत की गई लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। अब इन चारों नाबालिक बच्चियों ने पुलिस अधीक्षक हरदोई से न्याय की गुहार लगाते हुए शिकायत की है।

आप लोगो के संज्ञान में लाना है कि इस प्रकार की कम्पनी की जब छान बीन की जाती है तो यह कम्पनी वाले यह दिखा देते है कि पीड़ितों ने पोडक्ट किट परचेज की है उसी के पैसे जमा किये है जब की इस प्रकार की कम्पनियां किस प्रकार से भोले भाले लोगो को रोजगार का सपना दिखा कर किस प्रकार से ठगती है यह आज के प्रकरण से बखूबी समझा जा सकता है।